नई दिल्ली:
ब्रिटेन के स्कूलों में जल्द ही मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगने वाला है. ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने ऐलान किया है कि हम स्कूलों में फोन पर प्रतिबंध लगाएंगे. इसे लेकर पीएम ने एक वीडियो जारी किया है. वीडियो जारी करते हुए पीएम ने कहा कि फोन बच्चों के लिए खतरनाक बनता जा रहा है. सुनक ने वीडियो के जरिए यूके सरकार की वेबसाइट का लिंक भी जोड़ा है, जिसमें उन्होंने मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने की योजना का जिक्र किया है. सुनक सरकार ने महसूस किया है कि मोबाइल फोन के यूज से काफी डिस्ट्रैक्शन महसूस होता है. जिसके कारण पढ़ाई में दिक्कते होती हैं.
कई लोगों की अलग-अलग राय
जब हमने इस बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि कई लोगों की अलग-अलग राय है. कुछ लोगों को लगता है कि स्कूल में फोन का इस्तेमाल करने से छात्रों को पढ़ाई में काफी मदद मिलती है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि स्कूल में मोबाइल फोन की कोई जरूरत नहीं है. आपको बता दें कि भारतीय स्कूलों में फोन ले जाना बिल्कुल भी वर्जित है. कई लोगों का मानना है कि छात्रों के लिए संचार के माध्यम के रूप में फोन का उपयोग शैक्षिक उपयोगिता प्रदान करता है, जैसे अनुसंधान के लिए इंटरनेट तक आसान पहुंच और शैक्षिक ऐप्स का उपयोग.
वहीं दूसरी ओर, फोन का अत्यधिक उपयोग अनुशासन को तोड़ता है और छात्रों का ध्यान भंग कर सकता है. विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और गेम की लालसा और फोन का अत्यधिक उपयोग छात्रों की पढ़ाई को अव्यवहारिक बना सकता है.
We know how distracting mobile phones are in the classroom.
Today we help schools put an end to this. pic.twitter.com/ulV23CIbNe
— Rishi Sunak (@RishiSunak) February 19, 2024
क्या वाकई में फोन खतरनाक है?
फोन का अधिक उपयोग छात्रों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है. अधिक स्क्रीन समय और अनावश्यक इंटरनेट उपयोग से छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, और अवैध संदेश या अनधिकृत संचार के लिए उपयोग हो सकता है. स्कूलों में फोन का समुचित उपयोग करने के लिए नीतियों और नियमों की जरूरत है. एक संतुलित और संयमित उपयोग छात्रों को तकनीकी सामग्री का सही तरीके से उपयोग करना सिखाता है और उन्हें समय के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाने में मदद करता है.