निखिल त्यागी/सहारनपुर: सहारनपुर के एक गांव के किसान ने सहफसली खेती से अपनी पहचान बनाई है. किसान नवाब सिंह ने एक खेत में पांच फसल उगाकर सभी को चौका दिया है. किसान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की परम्परागत खेती गन्ने के साथ-साथ अन्य सहफसली खेती कर सरकार की मंशा के अनुसार अपनी आय को बढ़ाया है. इसके अलावा किसान ने ऑर्गनिक विधि से गन्ने में ही गेंहू व आलू की सहफसली खेती शुरू की है. किसान द्वारा की गई यह शुरुआत अन्य किसानों के लिए प्रेरणादायक है.
सहारनपुर के गंगोह ब्लॉक के अंतर्गत गांव पूजना निवासी किसान नवाब सिंह इन दिनों आधुनिक व ऑर्गनिक खेती के लिए चर्चा में हैं. नवाब ने बताया कि जब उन्होंने खेती की शुरुआत की थी, तब अन्य किसानों की तरह ही साधारण रूप से गन्ना, धान व गेंहू की फसल उगायी थी. बाद में उन्होंने गन्ने की बुवाई ट्रेंच विधि से की, चार फीट की चौड़ाई पर गन्ना बुवाई कर बीच में उन्होंने सहफसली खेती शुरू की. जिससे उन्हें गन्ने की खेती में आने वाले खर्च की पूर्ति होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी हुई और गन्ने से किसान को शुद्ध लाभ हुआ.
सहफसली खेती कर किसान काम रहा अच्छा मुनाफा
किसान नवाब सिंह ने बताया कि सहफसली खेती करके किसानों की आय तो बढ़ेगी ही. साथ ही फसल की लागत पर भी कम खर्च आएगा. किसान द्वारा गांव में सहफसली खेती करके अन्य किसानों को प्रेरित करने का काम किया है. इससे प्रतिवर्ष औसतन पांच लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. जिससे प्रभावित होकर अन्य किसान भी सहफसली खेती की ओर आकर्षित हुए हैं.
किसान ने एक ही खेत में उगाई पांच फसल
गंगोह क्षेत्र के गांव पूजना में किसान नवाब सिंह ने बताया कि गन्ने के साथ सहफसली खेती के रूप में सरसों व पशुओं के लिए चारा एक ही खेत में उगा रखा है. इसके अलावा उन्होंने गन्ने के साथ आलू की फसल भी उगाई है. नवाब ने बताया कि इस बार उन्होंने ऑर्गनिक विधि से खेती की शुरुआत की है. ऑर्गनिक विधि से किसान ने तीन बीघा जमीन में गेहूं बोया है. इस फसल में उन्होंने किसी प्रकार का फर्टिलाइजर व केमिकल का प्रयोग नहीं किया है, बल्कि खेत मे देसी खाद डालकर जुताई की है.
किसानों के लिए समृद्धि की राह बन रही है सहफसली खेती
किसान ने बताया कि जैविक खेती से तैयार फसलों में लागत बहुत कम आती है. इसके अलावा ऑर्गनिक विधि से उगायी फसलों का बाजार में दाम अधिक मिलता है. जिससे किसान की आय बढ़ना स्वाभाविक है. उन्होंने बताया कि जैविक खेती से उगाई फसल बीमारियों से बचाने में भी सहायक हैं. जबकि पेस्टिसाइड से उगाई गई फसलों से तैयार अनाज में बीमारियों को बढ़ावा देने वाले लक्षण अधिक पाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश की सरकार किसानों को ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. सरकार का यह प्रयास किसानों के लिए कारगर सिद्ध होगा.
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FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 16:10 IST