स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार ने 1 फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था। 2019 में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 1977 में यूपी के अलीगढ़ में स्थापित यह संगठन भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के एजेंडे पर काम करता है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर यूएपीए के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ के रूप में प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया। गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है। सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार ने 1 फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था। 2019 में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 1977 में यूपी के अलीगढ़ में स्थापित यह संगठन भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के एजेंडे पर काम करता है। सिमी को पहली बार 2001 में एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था और उस पर कई बार प्रतिबंध लगाया गया था। सिमी के सदस्य देश में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं, जिनमें 2014 में भोपाल जेल ब्रेक, 2014 में बेंगलुरु में एम चिन्नावामी स्टेडियम विस्फोट, 2017 में गया विस्फोट शामिल हैं।
‘Students Islamic Movement of India (SIMI)’ declared as an ‘Unlawful Association’ for a further period of five years under the UAPA: Home Minister’s Office pic.twitter.com/LqIYemvM6F
— ANI (@ANI) January 29, 2024
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