महाशिवरात्रि से पहले सपने में दिखे ये दुर्लभ चीज, तो समझ लीजिए बदलने वाला है भाग्य

सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. शिव भक्त महाशिवरात्रि के दिन का बड़े बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 8 मार्च को संध्याकाल 09.57 पर होगी. इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को संध्याकाल 06 .17 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था.

अयोध्या के ज्योतिषी नीरज भारद्वाज ने लोकल 18 को बताया कि सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था. हिंदू धार्मिक ग्रंथों की के अनुसार महाशिवरात्रि से पहले भगवान शिव से जुड़े कुछ चीजों का दर्शन बेहद शुभ माना जाता है. जिसमें ये 3 प्रमुख रूप हैं.
1. नाग का दर्शन 2. रुद्राक्ष 3. पांच पत्ती वाला बेलपत्र

नागदेव का दर्शन : महाशिवरात्रि पर्व के पहले अगर आपको कहीं काला नाग अथवा सर्प के दर्शन होते हैं तो यह बेहद शुभ संकेत माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के पहले भोलेनाथ के प्रिय नाग के दर्शन करने से भाग्य का साथ मिलता है यानी कि भाग्य खुल जाते हैं.

रुद्राक्ष : महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को देखना अत्यंत शुभ होता है. भगवान शिव को रुद्राक्ष बहुत प्रिय होता है और अगर आपको शिवरात्रि के पहले रुद्राक्ष मिल जाए तो इसे आप अपने तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से घर में सुख संपत्ति का वास होता है.

5 पत्ते वाला बेलपत्र : भगवान शंकर की पूजा में बेलपत्र अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है . आमतौर पर भगवान शंकर की पूजा में पूजा में तीन पत्ती वाला बेलपत्र अर्पित किया जाता है. अगर आपको महाशिवरात्रि के पहले 5 पत्ते वाला बेलपत्र मिल जाए अथवा सपने में दिख जाए तो ऐसी मान्यता है कि यह भाग्य खुलने का संकेत देता है. इतना ही नहीं 5पत्ते वाला बेलपत्र दिखाना भी बेहद दुर्लभ होता है.

Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News Hindi

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *