गौरव सिंह/भोजपुर. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी अंगीभूत कॉलेज पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगे. कॉलेज को डिजिटल बनाने की दिशा में विवि प्रशासन ने भी कदम बढ़ा दिए हैं. जरूरी डिजिटल आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए खाका भी तैयार कर लिया गया है. दरअसल, विवि के कॉलेजों को डिजिटल करने के लिए सीएमआईएस (कॉलेज मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम) लागू किया जाएगा. इसके लिए विवि प्रशासन ने टेंडर जारी कर दिया है. मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर विवि प्रशासन इसे पूरा कर देगा.
CMIS के लागू होने से कॉलेजों के सभी कार्यालय और विभाग पूरी तरह डिजिटल होंगे. लैब से लेकर लाइब्रेरी तक को कंप्यूटरीकृत किया जाएगा. विवि से सभी कॉलेजों को जोड़ा जाएगा. सीएमआईएस के लागू होने से सबसे अधिक लाभ विद्यार्थियों को होगा. उन्हें छोटे से छोटे कार्य के लिए कॉलेज का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. ऑनलाइन ही सभी कार्य निष्पादित हो जाएंगे. कॉलेज में इस सिस्टम के लागू होने से छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन सभी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी. साथ ही सभी विभाग भी कंप्यूटराइज्ड हो जाएंगे. इस सिस्टम के तहत विद्यार्थियों का प्री-एडमिशन से पोस्ट एडमिशन तक का कार्य ऑनलाइन हो जाएगा. यानी घर बैठे-बैठे वे नामांकन करा सकते हैं. पढ़ाई करने और परीक्षा देने के बाद डिग्री भी ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं. विवि और कॉलेज आने से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही शिक्षकों, कर्मियों की नियुक्ति, सेवानिवृत्ति की तिथि और सैलेरी भी ऑनलाइन हो जाएगी. इससे वित्तीय मैनेजमेंट और विकास कार्यों में भी तेजी आएगी. सीएमआईएस लागू होने जाने से छात्र-छात्राओं को परीक्षा से संबंधी कार्य कराने, सीएलसी, माइग्रेशन, सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कार्यों के लिए भी कॉलेज का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
CMIS से होंगे कई फायदे
इसके लागू होने से अन्य कई लाभ भी कॉलेज को मिलेंगे. कॉलेज के स्टाफ की जानकारी, कौन शिक्षक व कर्मचारी कब रिटायर होंगे, दाखिला सहित परीक्षा विभाग के अन्य कार्यों को सीएमआईएस से लिंक किया जाएगा. लाइब्रेरी और लैब पर भी ध्यान दिया जाएगा. कॉलेजों के सभी डाटा को स्कैन कर उसे सॉफ्टवेयर में चढ़ाया जाएगा. सीएमआईएस को विवि के यूएमआईएस से टैग किया जाएगा. इससे विवि स्तर के कार्यों का निपटारा भी कॉलेज से हो जाएगा.
कर्मियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
मालूम हो कि सीएमआईएस लागू किए जाने के बाद कॉलेजों के कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि सभी कार्य आसानी से निष्पादित हो सकें. बता दें कि विवि के सभी कॉलेजों में सात से 12 हजार तक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इस सिस्टम के लागू होने के बाद जिस कंपनी से टाईअप होगा, उसके द्वारा विवि के कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
कुलसचिव रणविजय कुमार के द्वारा बताया गया कि विवि प्रशासन डिजिटलाइजेशन की दिशा में काफी आगे बढ़ चुका है. इसके लागू होने से विद्यार्थियों का सारा कार्य ऑनलाइन हो जाएगा. विद्यार्थियों के सभी तरह के कागजातों का सत्यापन ऑनलाइन कोई भी कर सकेगा. इससे विद्यार्थियों को सहूलियत मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : February 17, 2024, 11:51 IST