बदलता मौसम बना टमाटर के लिए काल, मंडरा रहा इन 2 रोगों का खतरा! ऐसे करें बचाव

आशीष त्यागी/बागपत : मौसम में परिवर्तन होने के साथ किसानों के लिए टमाटर की फसल में नुकसान की आशंका बढ़ रही है. टमाटर की फसल में तेजी से झुलसा और सिकुड़न रोग फैल रहा है, जिससे किसानो की फसल लगातार खराब होने के कगार पर है यदि समय रहते इसकी रोकथाम न की गई तो लाखों रुपये की नकदी फसल का नुकसान हो सकता है. झुलसा रोग का कहर निचली पत्तियों से प्रारंभ होता है. जिसके कारण गहरे भूरे, काले रंग के धब्बे बनते हैं. यह रोग तीव्र गति से फैलती है और दो से चार दिनों के अंदर ही संपूर्ण फसल नष्ट कर देती है.

कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा बागपत के कृषि वैज्ञानिक शुभम सिंह ने बताया कि लगातार मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहा है. कभी धुंध होती है, तो कभी तेज धूप और कभी ठंड अधिक हो जा रही है. जिससे टमाटर की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ जाता है . झुलसा से रोग से टमाटर की पत्तियां सिकुड़ जाती हैं और ग्रोथ रुक जाती है और धीरे-धीरे टमाटर की फसल खराब होने लगती है. वहीं दूसरी तरफ टमाटर में सफेद मक्खी से सिकुड़न रोग बढ़ता जा रहा है. टमाटर की पत्तियां मुड़ जाती हैं, जिससे फसल पूरी तरह खराब होना शुरू हो जाता है.

टमाटर में झुलसा रोग का प्रबंधन
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार झुलसा रोग तेजी से फसलों को प्रभावित करता है. यह पत्ती, तना और फल को भी नुकसान पहुंचाता है. जैसे ही टमाटर के पौधों पर इस रोग के लक्षण 10% से ज्यादा होने पर मेटालैक्सिल 8% + मैंकोजेब 64% डबल्यू पी का 2-2.5 ग्राम/लीटर पानी के हिसाब से 10 से 15 दिन के अंतर पर छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि जहां रोग की अधिकता हो वहां पर रोग ग्रस्त पौधों के अवशेषों को पहले एकत्र कर जलाएं उसके बाद उपरोक्त फफूंदनाशक का छिड़काव करें.

टमाटर में सिकुड़न रोग का प्रबंधन
वैज्ञानिक शिवम सिंह ने बताया कि टमाटर की पत्तियों पर ठंड के कारण होने वाली सिकुड़न बीमारी अत्यधिक फैल रही है.इसका मुख्य कारण है कि एक कीट फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है, कीट के कारण ही फसल में वायरस फैलने लगता है.जिससे टमाटर का पौधा सिकुड़ने लगता है. अगर खेत में कोई भी पौधा सिकुड़ा हुआ दिखाई दे तो उसे पौधे को तुरंत खेत से बाहर निकाल दें. अन्यथा वह अन्य फसल को भी पूरी तरह खराब कर देगा. इससे बचाव का एक आसान तरीका है कि खेत के चारों तरफ पीले रंग की एक बांस बल्ली के सहारे पन्नी लगा दें. कीट हमेशा पीले रंग पर आकर्षित होकर उसी पर चिपक जाता है और नष्ट हो जाता है.

नीम के तेल का करें छिड़काव
वैज्ञानिक शिवम सिंह ने बताया कि अगर इसके बावजूद भी कीट आपकी फसल में दिखाई देता है तो उसे पर नीम के तेल का छिड़काव कर सकते हैं. नीम के तेल का छिड़काव ऑर्गेनिक तरीके से होगा. जिससे ऑर्गेनिक तरीके से उगाई गई टमाटर की फसल को भी बहुत फायदा होगा.वहीं अन्य विधि से उगाई जा रही फसल में कीटनाशक का उपयोग कर अपनी फसल को बचा सकते हैं.

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