नहीं देखा होगा आपने ऐसा शिव मंदिर, जहां एक चौखटे पर 4 महादेव एक साथ विराजमान

मोहित भावसार/शाजापुर : वैसे तो शाजापुर में अनेक शिव मंदिर हैं, लेकिन इनमें से कुछ शिव मंदिर ऐतिहासिक हैं जिनके पीछे कई कहानियां जुडी हुईं हैं. कई मंदिर ऐसे हैं जिनमें प्राचीन इतिहास से जुडी की क्विंदतियां जुडी हुईं हैं. आपने अक्सर शिव मंदिरों में एक मुखौटे के साथ एक शिवलिंग वाला मंदिर देखा होगा. लेकिन शाजापुर में एक शिव मंदिर ऐसा भी जिसमें मुखौटा एक मगर महादेव चार. जी हां! यह शिव मंदिर सोमेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता हैं.

इस मंदिर के पुजारी पंडित यशवंत सुगंधी बताते हैं कि इस मंदिर में एक ही मुखुटे में चार महादेव विराजते हैं.पंडित यशवंत सुगंधी के मुताबिक यह चारों महादेव भाई हैं. सबसे पहले इस मंदिर में सोमेश्वर महादेव उसके बाद मंगलेश्वर महादेव फिर मुक्तेश्वर महादेव और अंत में गतेश्वर महादेव विराजमान हैं.

मुरादपुराद मंदिर में विराजमान शिव की कहानी
मुरादपुरा मंदिर वैसे तो हनुमान जी के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हैं.और इस मंदिर का नाम मुरादपुरा इस लिए पड़ा क्यों कि यहां आने वाले हर एक श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती हैं. इस मंदिर में एक शिव मंदिर भी हैं और इस शिव मंदिर की खास बात यह हैं कि यह शिव मंदिर हुबुहु नेपाल और मंदसौर में विराजमान पशुपतिनाथ से मिलता जुलता हैं. आसपास के क्षेत्र के रहवासी इसे शाजापुर शहर का पशुपतिनाथ मंदिर के नाम से पुकारते हैं. इस मंदिर कि स्थापना सन 1994 में की गई थी.

मंगलनाथ में महादेव के साथ नंदी नहीं मेंडा विराजित हैं.
शाजापुर को राजराजेश्वरी की नगरी के नाम से पहचान दिलाने वाले अति प्राचीन मां राजराजेश्वरी मंदिर के पीछे विराजमान हैं बाबा मंगलनाथ, जो कि हमेशा अपने भक्तों का मंगल करते हैं. इस मंदिर के पुजारी पंकज मेहता का कहना हैं कि इस मंदिर में विराजमान महादेव की सेवा हमारी आठवीं पीढ़ी कर रही हैं. यह मंदिर काफ़ी पुराना हैं. वह बताते हैं कि अक्सर शिव मंदिरों में भगवान शिव की शिवलिंग के साथ नंदी जी को देखा जाता हैं, लेकिन इस मंदिर में शिवलिंग के साथ नंदी जी को नहीं बल्कि मेंडा को विराजमान किया गया हैं. क्योंकि शिव की सवारी नंदी नहीं मेंडा हुआ करती थी.

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