रूपांशु चौधरी/हजारीबाग.हजारीबाग शैक्षणिक दृष्टिकोण से झारखंड का एक महत्वपूर्ण जिला है. संयुक्त बिहार का सर्वप्रथम महाविद्यालय संत कोलंबा महाविद्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय के निर्माण के बाद दूर-दूर के छात्र यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं. इसी पृष्ठभूमि पर कोडरमा जिले परसाबाद गांव के जीवन वर्मा के द्वारा क्लासमेट नाम काउपन्यास लिखा गया है.
क्लासमेट उपन्यास के लेखक जीवन वर्मा ने कहा कि वह 2016 से अपनी पढ़ाई करने के लिए हजारीबाग आ गए थे. तब से वह छात्र जीवन के संघर्ष, प्रेम लगाव होड़ यदि को बहुत करीब से देखा था. जिसके बाद से यह जितने लोग मिले उन्हें ऑब्जर्व किया और इस उपन्यास को तैयार किया. जीवन अभी परस्नातक की पढाई खत्म कर कंपीटेटिव एक्जाम की तैयारी कर रहे है.
बचपन से ही है साहित्य में रुचि
जीवन आगे कहा कि उनके परिवार में सभी लोगों को साहित्य में बेहद रूचि है. बचपन से ही घर में उन्हें महादेवी वर्मा प्रेमचंद धर्मवीर वर्मा श्रीलाल शुक्ल के किताबे मौजूद रहती थी. जिस कारण वह बचपन से ही उपन्यास पढ़ा करते आ रहे थे. साथ ही इन कवियों की मदद से उनकी हिंदी पढ़ने, लिखने और बोलने में भी काफी सुधार हुआ.
क्या है क्लासमेट में खास
उन्होंने बताया कि इस उपन्यास को लिखने में सालों का ऑब्जर्वेशन और 6 महीने लिखने और 3 महीने की प्रूफ्रीडिंग की मेहनत है. इस किताब दूर गांव कस्बों से हजारीबाग शहर आए हुए छात्रों का जीवन लिखा गया है. कहानी में 12 किरदार है और पांच मुख्य पात्र हैं. कहानी उन्हें किरदारों और पात्रों के जीवन में चल रहे संघर्ष को दिखाता है. साथ ही इस उपन्यास की भाषा को काफी सहज रखा है. यह उपन्यास एक प्रकार का प्रयोग है जिसमें पहली बार किसी उपन्यास में हजारीबाग की छात्र जीवन पर वृहद रूप से चर्चा की गई है. उपन्यास दिल्ली की आरजी पब्लिकेशन के द्वारा पब्लिश हुई है. जिसका मूल्य 280 रुपए है.\
कविता संकलन होगी अगली पुस्तक
लेखक जीवन आगे बताते है कि 2015 से ही मैं पूर्ण रूप से कविता लिखता आ रहा हूं. कविता लेखन से ही में लिखने की शुरूवात हुई थी. जल्द ही पाठकों की एक मेरी लिखी हुई एक कविता संकलन भी आ रही है.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 17:05 IST