किसान का मुनाफा होगा दोगुना-तिगुना! पशुपालन विभाग ले आया योजना, जानें कैसे बढ़ेगी कमाई  

शिखा श्रेया/रांची. किसानों का मुनाफा डबल व ट्रिपल करने के लिए झारखंड का पशुपालन विभाग प्रशिक्षण दे रहा है. साथ ही किसानों को इंटीग्रेटेड फार्मिंग के बारे में लगातार कार्यशाला के जरिए जागरूक कर रहा है. इस तकनीक के जरिए किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग करके मुनाफे को दोगुना तो कर ही सकते हैं, साथ ही एक ही खेत में 10 तरह की फसल उगाने की कला भी सीख रहे हैं.

पशुपालन विभाग के जिला पदाधिकारी मनोज कुमार ने Local 18 को बताया कि हम लगातार कार्यशाला कर रहे हैं. क्योंकि, इंटीग्रेटेड फार्मिंग एक बहुत ही विश्वसनीय तकनीक है, जिसके जरिए किसान मुनाफे को दोगुना-तिगुना कर सकते हैं. इसमें सबसे बड़ी बात ये कि उन्हें किसी एक चीज पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अगर एक खेती पूरी तरह नष्ट भी होगी तो उनके पास 10 चीज पैसे कमाने के लिए और होगी.

क्या है इंटीग्रेटेड फार्मिंग
किसानों को प्रशिक्षण दे रहे अशोक कुमार ने बताया कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मतलब होता है, समन्वय खेती जिसमें अगर आपके पास खेत है तो आप इस खेत में 10 तरह की चीजें कर सकते हैं. जैसे आप कुछ गाय, बकरी बतख, मुर्गी भी पाल सकते हैं. इनसे दूध ही नहीं बल्कि पनीर, खोवा, दही, जैसी चीज भी बनाकर बेच सकते हैं. इससे फसल के साथ मुनाफा काफी अच्छा होता है. आगे बताया कि इसके अलावा बकरी का दूध, बॉयलर मुर्गा व लेयर मुर्गा, ज्वार, बाजरा मिलेट जैसी खेती भी थोड़ी जमीन पर और कम पानी में की जा सकती है. इसके लिए सरकार की तरफ से जरूरी योजना का लाभ किसानों को दिया जा रहा है.

इन योजना का ले सकते हैं लाभ
अशोक ने बताया कि ऐसी कई योजना हैं, जो पशुपालन विभाग द्वारा निकाली गई हैं. उसका लाभ किसान लेकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं, जिसमें खास तौर पर दो बैल योजना, चार गाय योजना, सुकर योजना यह सारी योजना का लाभ लाभुक 90% सब्सिडी तक ले सकते हैं. इसके अलावा खोवा निकालने व दूध निकालने के लिए खास मशीन भी योजना के तहत दी जा रही है.

नुकसान से बचेंगे किसान
अशोक ने आगे बताया कि इंटीग्रेटेड फार्मिंग आज के दौर में काफी जरूरी है. कई बार देखा जाता है कि एक फसल अगर बर्बाद हो जाए तो किसान कमजोर हो जाते हैं. उनके पास खाने तक के लाले पड़ जाते हैं. लेकिन, अगर आप इंटीग्रेटेड फार्मिंग करते हैं तो दो-तीन फसल भी बर्बाद हो जाए तो आपको नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. इससे मौसम और किसी एक चीज पर निर्भरता खत्म होती है और किसान सशक्त बनते हैं.

यहां करें जानकारी
अगर आप इंटीग्रेटेड फार्मिंग का प्रशिक्षण एवं जानकारी और अन्य योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आप रांची के ध्रुवा स्थित पशुपालन व मत्स्य विभाग में आ सकते हैं. यह शालीमार मार्केट के ठीक अपोजिट में है.

Tags: Agriculture, Farmer, Local18, Ranchi news

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