कब है भैया दूज? यम द्वितीया पर जरूर खाएं बहन के यहां, जानें क्या होगा लाभ

विक्रम कुमार झा/ पूर्णिया. भैया दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा. पंडित दयानाथ मिश्र कहते है कि यह पर्व भाई बहन के अटूट रिश्तों को दर्शाता हैं. उन्होंने कहा कि यह पर्व सतयुग काल से ही चलता आ रहा है. इस दिन भाई अपने बहन के घर जाकर आशीर्वाद लेकर अन्न जरूर ग्रहण करते हैं. मान्यता के मुताबिक इससे धन सुख संपति बनी रहती है. कई लोग राशि के मुताबिक मिठाई खिलाते है, लेकिन ऐसा नहीं है. मिठाई राशि के मुताबिक नहीं पर बहन के यहां अन्न जरूर ग्रहण करें.

बहन के यहां जरूर करें भोजन
पंडित दयानाथ मिश्र कहते हैं कि इस बार दीपावली के तीन दिन बाद यानी 15 नवंबर को भ्रात द्वितीया का पर्व मनाया जाएगा. जिसे लोकाचारिक ग्राम भाषा में भैया दूज भी कहते हैं. असल में इसका नाम भ्रात द्वितीया है. इस दिन भाई अपने शादीशुदा बहन के घर जाकर कुश से निमंत्रण लेता है. अर्थात आशीर्वाद ग्रहण करता है. बहन तब तक भोजन नहीं करती है. जब तक भाई उनका आशीर्वाद नहीं दे देते.

भाई उस दिन अपने साथ मिठाई, कपड़ा, जेवर सहित अन्य चीजों के साथ बहन के पास जाता है. बहन से आशीर्वाद लेता है. उन्होंने कहा चाहे भाई बड़ा हो या छोटा हो बहन का आशीर्वाद उसे दिन लेना अनिवार्य है.

इन मंत्रों से भाई से बहन लेती न्यौता
इसमें इसका देहाती मंत्र है…”यम को यमुना निमंत्रण देता है जिस तरह यम और यमुना का भ्रात द्वितीया का मिलन हुआ. और यह सतयुग काल से ही चला रहा है. जैसे-जैसे जमुना का पानी बढ़ेगा वैसे-वैसे मेरे भाई का आयु बढ़ेगी.” इस मंत्र से पांच बार भाई के हाथ में पान, सुपारी, कार्मि लती, इसको लेकर कुश से न्यौता लिया जाता है. इस तरह भाई की उम्र बढ़ती है. इसी मंत्र से भाई को आशीर्वाद देता है. भाई यदि छोटा होता है तो बहन को प्रणाम करता है और बहन अगर छोटी होती है भाई को प्रणाम करती है. एक दूसरे का आशीर्वाद लेते हैं .

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भाई का इस दिन बहन के घर अन्न ग्रहण बहुत जरूरी
इस दिन बहन के यहां भाई को खाना खाना या अन्न ग्रहण करना अति आवश्यक है. बहन का दिया हुआ अन्न खाना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि कई लोगों के मन में भ्रांतिया रहता है राशि के हिसाब से मिठाई खाना चाहिए. लेकिन यह बिल्कुल गलत बात है. इसमें राशि का कोई मतलब नहीं है.

किसी भी राशि का भाई हो किसी भी राशि के बहन हो इस पर्व को मनाना ही चाहिए लोग मनाते हैं. लेकिन हां इस दिन बहन का अन्न खाना ही चाहिए. बहन से आशीर्वाद प्राप्त ही करना चाहिए. इससे धन-धन संपदा वृद्धि लक्ष्मी बनी रहती है एवं अन्य काई शुभ कार्य होते रहेंगे.

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