इन पांच सब्जियों को खाने का मतलब है रोज बीमारी को दावत देना !, यहां पढ़ें

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Eating these five vegetables means inviting disease every day. - Home Remedies in Hindi





आप ये सब्जियां खा रहे हैं तो शायद आप रोज मौत वाली बीमारी को दावत दे रहे हैं, क्योंकि आलू, बैंगन, अरवी, लाल साग, मूली, भिंडी और फूल गोभी के भीतर छिपा बैठा है जानलेवा जहर।

हर दूसरे दिन आप अपनी पसंद की सब्जियां मंडी से लाते हैं और रसोई में पकाते हैं। यकीन मानिए अगर आप ये सब्जियां खा रहे हैं तो शायद आप रोज मौत को दावत दे रहे हैं, क्योंकि आलू, बैंगन, अरवी, लाल साग, मूली, भिंडी और फूल गोभी के भीतर छिपा बैठा है जानलेवा जहर। देश के 12 राज्य के 7 करोड़ लोग ऐसी जहरीली सब्जियां रोज खा रहे हैं।

बिहार की राजधानी पटना के गांव हल्दी छपरा में हर चेहरा मुरझाया हुआ है। इस मायूसी की वजह है गांव के पानी में घुला आर्सेनिक का जहर। हल्दी छपरा का हर शख्स इस जहर का शिकार है। दरअसल यहां के पानी में जहरीला आर्सेनिक है, जो धीरे-धीरे गांव के लोगों को बीमार बना रहा है। इलाके के घुरन राय का कहना है कि पहले शरीर ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे काला होने लगा है। अरविन्द राय कहते हैं कि हम लोग तो लाज के चलते कहीं जाते नहीं है। कपड़ा नहीं खोलते हैं कि क्या बोलेंगे, शरीर बदरंग हो गया है।

जानकारों का कहना है गंगा नदी के किनारे बसे इलाकों में आर्सेनिक का कहर ज्यादा है। बिहार के 40 में से करीब 18 जिलों के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इनमें पटना, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, आरा, वैशाली, मुंगेर, राघोपुर, दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक शरीर में आर्सेनिक की मौजूदगी से स्किन और गॉल ब्लैडर का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक पीने के पानी के साथ-साथ आर्सेनिक प्रभावित इलाकों में उपजने वाली सब्जियां भी आम इंसान को धीरे-धीरे मौत की तरफ धकेल रही हैं। दरअसल भूजल में घुला आर्सेनिक और दूसरे केमिकल सिंचाई के पानी के जरिए सब्जियों में पहुंच रहे हैं और फिर खाने की थाली के जरिए हमारे-आपके शरीर में। सब्जियों में घुले जानलेवा जहर की जानकारी ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं।

आर्सेनिक के जहर से वाकिफ लोगों का कहना है कि सरकार को इस दिशा में जरूरी कदम उठाने चाहिए और उन इलाकों में खेती पर रोक लगानी चाहिए जहां के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा मानक से ज्यादा है।

ये बढ़ते प्रदूषण का ही असर है कि पानी और सब्जियों में न सिर्फ आर्सेनिक बल्कि तमाम तरह के केमिकल घुल रहे हैं, जो खाने के साथ हमारे शरीर में पहुंचकर उसे खोखला कर रहे हैं। हमें बीमार बना रहे हैं।

अब आपको बताते हैं कि आर्सेनिक शरीर में पहुंचकर कैसे असर डालता है-

पीने के पानी और सब्जियों के जरिए शरीर में पहुंचता है आर्सेनिक

मल-मूत्र के जरिए शरीर से बाहर नहीं निकलता है

शरीर में धीरे-धीरे जमा होता रहता है आर्सेनिक

आर्सेनिक का असर नजर आने में 2-3 साल तक लग सकते हैं

अब आपको बताते हैं आर्सेनिक से होने वाली घातक बीमारियों के बारे में। अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के मुताबिक आर्सेनिक से लंग कैंसर, ब्लैडर कैंसर, स्किन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी का कैंसर, लिवर कैंसर, केरैटोसिस कंजक्टिवाइटिस, मृत शिशु का जन्म, जन्म के बाद शिशु की मौत, दिल का दौरा, डायबिटीज, किडनी की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, सांस से जुड़ी बीमारी आदि हो सकती है।

डा पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी राजस्थान विधान सभा जयपुर।
9828011871

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Web Title-Eating these five vegetables means inviting disease every day.



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