हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों के साथ ‘हिन्दवी’ ने दिल्ली में मनाया अपना दूसरा स्थापना दिवस | Famous Literature Forum Hindwi Celebrating Second Foundation Day | Patrika News

इस मौके पर हिन्दवी उत्सव के उद्घाटन के बाद आयोजन में एक पैनल चर्चा ‘रचना में नया क्या’ और कविता-संध्या आयोजित की गई। जिसमें हिंदी के महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों ने अपना-अपना संबोधन दिया। बता दें कि 31 जुलाई, 2020 को प्रेमचंद जयंती पर, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा हिन्दवी वेबसाइट को लॉन्च किया गया था।

इस समय हिन्दवी वेबसाइट पर हिंदी काव्य-परंपरा के सभी प्रमुख कवियों और अलक्षित कवियों सहित 900 से अधिक नए-पुराने कवियों की 10000 से अधिक कविताएं, 1200 पद, 1800 दोहे और लगभग 400 से अधिक लोकगीत उपलब्ध हैं।

दो सत्रों में आयोजित किया गया था कार्यक्रम-
हिन्दवी उत्सव में दो सत्र आयोजित किए गए, पहला सत्र—’रचना में नया क्या’ और दूसरा सत्र—‘कविता-संध्या’। पहला सत्र—विमर्श सत्र था जिसमें चर्चा हुई कि साहित्य में क्या नया है या हो सकता है और इस पर हिंदी के श्रेष्ठ मस्तिष्क क्या सोचते हैं। दूसरे सत्र में हिंदी के महत्त्वपूर्ण कवि-व्यक्तित्वों का रचना-पाठ हुआ। दोनों सत्रों में हिंदी के अत्यंत महत्त्वपूर्ण रचनाकारों—नरेश सक्सेना, अशोक वाजपेयी, आलोकधन्वा, दिनेश कुमार शुक्ल, शुभा, श्यौराज सिंह बेचैन, गगन गिल, सविता सिंह, धीरेंद्र नाथ तिवारी, गरिमा श्रीवास्तव, व्योमेश शुक्ल और सुदीप्ति की उपस्थिति रही।

रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक ने हिन्दवी टीम को दी बधाई-
मौके पर मुख्य अतिथि विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा कि कविता से लड़ाइयां बाहर नहीं हो सकतीं। रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक, संजीव सराफ़ ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी वह भाषा है जो विविध भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ती है। रेख़्ता फ़ाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है। उन्होंने आज के आयोजन के लिए पूरी हिन्दवी टीम को बधाई दी और सफलता की कामना की।



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