रोजाना करें बस ये काम… बैठे-बैठे मौत का र‍िस्‍क हो जाएगा कम, जानें कैसे

क्या आप काम पर लंबे समय तक बैठे रहने से होने वाली मृत्यु के जोखिम को कम करना चाहते हैं? एक शोध से पता चलता है कि इस जोखिम को साइकिल चलाने, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग, बागवानी जैसी सिर्फ 20-25 मिनट की शारीरिक गतिविधि से कम किया जा सकता है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में ऑनलाइन प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि शारीरिक गतिविधि की उच्च क्षमता कम जोखिम से जुड़ी हुई है, भले ही हर दिन बैठे रहने में कितना समय बिताया जाए.

नॉर्वे में ट्रोम्सो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा, अत्यधिक गतिहीन जीवनशैली मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है. कम से कम 50 वर्ष की आयु के लगभग 12,000 लोगों के अध्ययन से पता चला है कि आठ घंटे की दैनिक गणना की तुलना में दिन में 12 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहने से मृत्यु का खतरा 38 प्रतिशत बढ़ जाता है.

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प्रतिदिन 22 मिनट से अधिक की मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि मृत्यु के कम जोखिम से जुड़ी थी. जबकि, जोरदार शारीरिक गतिविधि मृत्यु के कम जोखिम से जुड़ी थी, गतिहीन जीवनशैली और मृत्यु के बीच संबंध को काफी हद तक शारीरिक गतिविधि से दूर किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, दिन में 10 मिनट की शारीरिक गतिविधि 10.5 से कम घंटे बिताने वालों में मृत्यु के 15 प्रतिशत कम जोखिम से जुड़े थी. वहीं, प्रतिदिन 10.5 घंटे से अधिक गतिहीन समय बिताने वालों में यह जोखिम 35 प्रतिशत कम था.

वहीं शारीरिक गतिविधि में ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने वाले लोग जो रोजाना 12 घंटे से अधिक काम करते हैं उनमें मृत्यु के जोखिम कम था. शोधकर्ताओं ने कहा, यह एक अवलोकन अध्ययन है और इस प्रकार, कारण और प्रभाव स्थापित नहीं किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा क‍ि कम शारीरिक गतिविधि भी मृत्यु दर के जोखिम को कम करने के लिए एक प्रभावी रणनीति हो सकती है. वहीं अगर 22 मिनट से अधिक शारीरिक गतिविधि की जाए तो यह जोखिम समाप्त कर देती है.

उन्होंने कहा क‍ि शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने के प्रयासों से व्यक्तियों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं.

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