अधिकतर लोग मेहनत का काम करने में जल्दी थक जाते हैं और उनकी सांस फूलने लगती है। तो वहीं कई लोग काम करते-करते जल्दी थक जाते हैं। इसका सीधा मतलब होता है कि उस व्यक्ति का स्टेमिना काफी कमजोर है। आपको बता दें कि शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए आपका स्टेमिना का अच्छा होना काफी ज्यादा जरूरी है।
हांलाकि बहुत से लोग दवाइयां, कैप्सूल्स और पाउडर का सेवन स्टेमिना को मजबूत करने के लिए करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन चीजों के कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके से अपना स्टेमिना बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ योगासन भी कर सकते हैं। योगासन से ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं। वहीं इन योगासन को करने से आपका स्टेमिना भी स्ट्रांग होता है।
नवासना (नाव मुद्रा)
इस आसन को करने से घुटनों के बल फर्श पर बैठें और अपने हाथों को बगल में रखें।
फिर धीरे-धीरे बाहर और अंदर सांस लें।
इस दौरान आपके रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
अब आगे की तरफ झुकते हुए पैरों को जमीन से उठा लें।
पिंडलियां फर्श के समांतर होनी चाहिए।
इसके बाद हाथों को उठाकर आगे की तरफ लाएं।
फिर पैरों की उंगलियों को देखें और खुद को आराम दें।
5 सेकेंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर खुद को रिलीज करें।
इसके बाद फिर इस स्थिति को दोहराएं।
हनुमानासन
यह योगासन लोगों के बीच काफी ज्यादा फेमस है। इस आसन को करने से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है।
इस आसन को करने से लिए बाएं घुटने के बल बैठ जाएं।
फिर बाएं घुटने के सामने दाएं पंजे को 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें।
दाएं पंजे के दोनों ओर हथेलियों को जमीन पर रखें।
इसके बाद दाएं पंजे को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएं और हाथों से शरीर के भार को संभालें।
अब दांए पंजे को आगे तरफ और बाएं पंजे को पीछे की तरफ ले जाते हुए अपने पैरों को सीधा रखें।
फिर दोनों पैरों और कूल्हों को एक सीध में जमीन पर रखें।
इस दौरान अपनी आंखें बंद कर लें और शरीर को आराम दें।
अब हाथों को जोड़ते हुए पीछे की तरफ लाएं।
कुछ सेकेंड रुकने के बाद इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं।
आप इस आसन को दिन में पांच बार तक कर सकते हैं।
सेतु बंधासन
इस आसन को करने के लिए घुटनों को मोड़कर और पैरों को जमीन पर रखें। फिर पीठ के बल लेट जाएं।
इस दौरान आपकी बाहें शरीर के किनारों पर टिकी हों और हथेलियों को नीचे की तरफ रखें।
अब पैरों को फर्श में दबाएं और गहरी सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। फिर अपनी रीढ़ को फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं।
फिर सीने को ऊपर उठाने के लिए कंधों और बाहों को जमीन पर दबाएं।
कूल्हों को ऊंचा उठाने के लिए पैरों और नितंबो को जोड़ने का प्रयास करें।
थोड़ी देर तक इसी स्थिति में रहने के बाद सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
बालासन
इस आसन को चाइल्ड पोज भी कहा जाता है। इस दौरान सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं।
इसके बाद पैर की उंगलियों को एक साथ रखें साथ ही घुटनों को एक दूसरे से अलग ऱखें।
फिर सांस लेते हुए अपने धड़ को आगे की तरफ ले जाएं। फिर अपने जांघों पर पेट को टिकाएं।
इस दौरान आपका सिर चटाई को छूना चाहिए। चटाई छूने के लिए दोनों हाथों को सामने की तरफ फैलाएं।
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।