नई दिल्ली:
What Is Surrogacy: सरोगेसी एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें एक महिला, जिसे गर्भाशय में गर्भाधान करने की क्षमता नहीं होती, एक औरत के गर्भाशय में उसके शुक्रणु या अंडाशय का प्रयोग करके गर्भाधान कर सकती है। यह प्रक्रिया गर्भधारण का एक विकल्प होता है जब अन्य किसी कारण वश गर्भाधान की क्षमता प्राप्त नहीं होती है। सरोगेसी का मतलब होता है “सुर्रोगेट मातृत्व” जिसमें एक महिला, जिन्हें “सरोगेट माँ” कहा जाता है, दूसरे व्यक्ति या जोड़े के लिए बच्चे को गर्भाधान करती है। यह प्रक्रिया एक परिवार को बच्चे की प्राप्ति के लिए सहायता प्रदान करती है, विशेष रूप से जब किसी महिला को गर्भधारण करने की क्षमता नहीं होती है, लेकिन वह बालक की माँ बनना चाहती है।
सरोगेसी अन्य कारणों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि जीवनशैली, उम्र, या गर्भाधान करने की किसी विधि का सफलतापूर्वक निष्क्रिय होना। इस प्रक्रिया में, विशेषज्ञ चिकित्सा दल संबंधित उपचार प्रदान करता है, सहायक मातृत्व कानूनी और नैतिक मामलों के तहत काम करता है, और सरोगेट माँ और गर्भाधारण करने वाले व्यक्ति या जोड़े के बीच एक समझौता की जाती है। सरोगेसी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला (सरोगेट मदर) किसी अन्य दंपति के लिए गर्भधारण करती है और बच्चे को जन्म देती है। यह उन दंपतियों के लिए एक विकल्प है जो स्वयं गर्भधारण करने में असमर्थ हैं।
सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया:
1. सरोगेट मदर का चयन: दंपति एक सरोगेट मदर का चयन करते हैं जो स्वस्थ, प्रजनन क्षमता वाली और बच्चे को जन्म देने के लिए इच्छुक हो। सरोगेट मदर का चयन करते समय कई कारकों पर विचार किया जाता है, जैसे कि उसकी आयु, स्वास्थ्य, प्रजनन इतिहास, और पारिवारिक स्थिति।
2. चिकित्सा प्रक्रिया: सरोगेट मदर और दंपति दोनों को चिकित्सा परीक्षणों से गुजरना पड़ता है। दंपति के अंडे और शुक्राणु को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया के माध्यम से निषेचित किया जाता है।
निषेचित भ्रूण को सरोगेट मदर के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
3. गर्भावस्था: सरोगेट मदर गर्भवती होती है और बच्चे को जन्म देती है। दंपति गर्भावस्था के दौरान सरोगेट मदर की देखभाल और सहायता करते हैं।
4. बच्चे का जन्म: बच्चे का जन्म होने के बाद, दंपति कानूनी रूप से बच्चे के माता-पिता बन जाते हैं। सरोगेट मदर को बच्चे के साथ कोई कानूनी संबंध नहीं होता है।
सरोगेसी की प्रक्रिया जटिल और महंगी हो सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि दंपति इस प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और सभी कानूनी पहलुओं को समझें।
– सरोगेसी भारत में कानूनी रूप से स्वीकार्य है, लेकिन कुछ नियमों और विनियमों का पालन करना होता है।
– सरोगेसी के लिए एक अनुबंध तैयार किया जाता है जिसमें सभी पक्षों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट किया जाता है।
– सरोगेसी की प्रक्रिया में कई भावनात्मक और सामाजिक पहलू भी शामिल हैं।
यह जानकारी आपको सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया को बेहतर समझने में मदद करेगी।