UPSC में नहीं मिली सफलता, अब अंजली ने BPSC में किया टॉप, हासिल की 7वीं रैंक

कुंदन कुमार/गया. शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसका उपयोग कर आप अपना भाग्य बदल सकते हैं. बस आपको निरंतर पढ़ाई जारी रखनी होगी. यह कहना है BPSC 7th टॉपर अंजली का. इन्होंने बताया कि वह पढ़ाई को लेकर काफी सजग रहती थी और रेगुलर पढ़ाई करती थी. अंजली बताती हैं कि उनके पास शिक्षा के रूप में एक हथियार है, जिसका उपयोग अपना भाग्य बदलने और दूसरों के जीवन में बदलाव लाने के लिए कर सकती हूं. इसलिए मैंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए खुद को तैयार किया. बता दें कि बीपीएससी 68वीं परीक्षा में 7वीं रैंक लाकर उनका सब-रजिस्ट्रार के पद पर चयन हुआ है.

अंजली की शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय 2 गया से ही हुई है. उसके बाद ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली चली गई. दिल्ली के शहीद भगत सिंह इवनिंग कॉलेज से भूगोल में स्नातक किया. फिर नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी में जुटी रही. अंजली को पढ़ाई के साथ-साथ आर्ट और पेंटिंग में भी काफी शौक है. इन्होंने घर पर कई तरह के आर्ट बना रखी है. अंजली का सपना है कि वह इससे और आगे ऊपर बढ़कर कोई पद प्राप्त करें.

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2022 में UPSC में नहीं मिली थी सफलता
अंजली ने बताया कि अगर कोई भी छात्र इस तरह की परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें पढ़ाई में कंसिस्टेंसी दिखाना होगी. साथ ही साथ इंटरनल मोटिवेशन जरूरी है. इन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी थी, इसलिए नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में नामांकन लिया और उसके बाद दिल्ली की कोचिंग में इसकी तैयारी शुरू कर दी. हमें गाइडेंस करने वाला कोई नहीं था. इसलिए कोचिंग की मदद लेनी पड़ी. 2022 में यूपीएससी का पहला प्रीलिम्स दिया था लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. जिसके बाद बीपीएससी की तरफ रुख कर लिया. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रोजाना 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करती थी.

पिता ने दिया मां को श्रेय
वहीं, अंजली की माता नीलम कुमारी ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थी. हर क्लास में टॉप करती थी. अंजली को कभी पढ़ाई के लिए कहना नहीं पड़ा. वह हमेशा रेगुलर पढ़ाई करती रही. वहीं, अंजली के पिता डॉक्टर ब्रह्मचारी अजय कुमार बताते हैं कि उनके इस सफलता में उनके मां का अहम योगदान रहा है. चूंकि हम एक शिक्षक है, इसलिए ज्यादा समय अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे थे, लेकिन उसकी मां उनका हर ख्याल रखती थी.

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