
विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया, अक्षय प्रताप सिंह और 18 अन्य के खिलाफ बसपा सरकार में दर्ज आपराधिक मुकदमा वापस लेने की याचिका मंजूर कर ली। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने इन लोगों द्वारा सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दाखिल याचिका पर दिया।
याचिका में प्रतापगढ़ के एमपीएमएलए कोर्ट के 17 मार्च 2023 को दिए आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें इनके खिलाफ मुकदमे को वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी को खारिज किया गया था।
याचियों के वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार का कहना था कि मुकदमा 19 दिसंबर 2010 को बसपा सरकार के दौरान वादी व प्रत्याशी मनोज कुमार शुक्ल ने कुंडा थाने में दर्ज कराया था। यह बाबागंज ब्लॉक के प्रमुख के चुनाव से संबंधित था। इसमें राजा भईया, अक्षय प्रताप सिंह समेत 20 लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला करने, लूट, अपहरण आदि के आरोप थे। 27 फरवरी 2023 को सरकारी वकील ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष मुकदमे वापस लेने की अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के कारण यह मुकदमा दर्ज कराया गया था, जो न्याय हित में वापस लेने योग्य है। उधर, सरकारी वकील और वादी के अधिवक्ता ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को उचित कहकर याचिका का विरोध किया।