Top Trending Stock: सरकार का एक फैसला और 11 परसेंट उछल गया इस कंपनी का शेयर

नई दिल्ली: हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज शेयर मार्केट में तेजड़ियों का दबदबा रहा। सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः 0.27% और 0.39% की तेजी आई है। इस पॉजिटिव सेंटीमेंट्स के बीच अक्ष ऑप्टिफाइबर लिमिटेड के शेयरों ने 11.365% से अधिक उछाल के साथ निवेशकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कीमत में तेजी के साथ स्टॉक के वॉल्यूम में 2.81 गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई। टेक्निकल मोर्चे पर एक सितंबर, 2023 को इस स्टॉक का 200 दिन का मूविंग एवरेज (DMA) 9.68 रुपये पर था जबकि 50-DMA 10.16 रुपये पर देखा गया। बीएसई पर अभी इसकी कीमत 12.20 रुपये प्रति शेयर है। हाल ही में क्रॉसओवर में इसके 50-DMA ने 200-DMA को पार कर लिया है, जो लंबी अवधि में मजबूत और निरंतर तेजी का संकेत देता है।

अक्ष ऑप्टिफाइबर लिमिटेड (AOL) 1986 में स्थापित की गई थी और ऑप्टिकल फाइबर, केबल और संबंधित उत्पादों के निर्माण और बिक्री में शामिल है। कंपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सेवा देती हैं। कंपनी राजस्थान में ई-गवर्नेंस सेवाएं देती हैं जिसमें स्मार्ट सिटी समाधान शामिल हैं। 15 रुपये से कम की कीमत के साथ, अक्ष ऑप्टिफाइबर दूरसंचार क्षेत्र में रुचि रखने वाले निवेशकों के लिए एक किफायती निवेश अवसर प्रस्तुत करता है। इसकी कम कीमत उन निवेशकों को आकर्षित कर सकता है जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने या उचित लागत पर अवसरों को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। सेक्टर की दृष्टि से देखें तो घरेलू ऑप्टिकल फाइबर उद्योग को कम कीमत और खराब गुणवत्ता वाले आयात के हानिकारक प्रभावों से राहत प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय ने चीन, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया से आने वाले खास तरह के ऑप्टिकल फाइबर के आयात पर एक निश्चित एंटी-डंपिंग शुल्क लागू किया है।

तो, अब सवाल यह है कि एंटी-डंपिंग क्या है?
यह एक खेल में उचित नियम निर्धारित करने जैसा है। जब अन्य देशों के उत्पाद हमारे देश में बहुत कम कीमतों पर बेचे जाते हैं, जो कि बनाने में खर्च होता है, तो यह हमारे उद्योगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अपनी कंपनियों को बराबरी का मौका देने के लिए सरकार उन उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगा सकती है ताकि घरेलू कंपनियों को बचाया जा सके। एंटी-डंपिंग शुल्क हमारी कंपनियों के लिए एक ढाल की तरह काम करता है।

Q1FY24 में कंपनी का प्रदर्शन
2023-24 के वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में गिरावट रही। पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में यह 26.57% की गिरावट के साथ 58.69 करोड़ रुपये था। इसी तरह जून तिमाही में कंपनी को 1.80 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि पिछले साल समान तिमाही में कंपनी को 1.61 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। सरकार के इस कदम से ऑप्टिकल फाइबर उद्योग ने राहत की सांस ली है। इस सेक्टर में आगे विस्तार और ग्रोथ की उम्मीद कर सकते हैं।

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