Success Story: 9 हजार रुपए लगाकर यह किसान कमाता है 45 हजार, ये है इनकी कामयाबी का राज

गुलशन सिंह/बक्सर. बिहार में बक्सर जिला के किसान बड़े पैमाने पर हरी सब्जियां उगा कर आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रहे हैं. सदर प्रखंड एवं सिमरी प्रखंड के ज्यादातर इलाके में किसान नगदी फसलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. इसमें रमधनपुर गांव के किसान मनोज कुमार यादव एक ऐसे किसान हैं, जिनका पुस्तैनी पेशा खेती है. मनोज बताते हैं कि हर साल सब्जी की खेती करते हैं. इस बार दो किस्म के भिंडी उगाये हैं, उत्पादन बेहतर रहने के कारण इस बार अच्छा मुनाफा कमाने का अवसर मिला है. मनोज ने बताया कि तकरीबन दो बीघा खेत में भिंडी लगाये हैं.

किसान मनोज कुमार यादव ने बताया कि जिन दो किस्म की भिंडी की खेती इस बार किए हैं, उसमें अंकुर और राधिका शामिल हैं. मनोज कुमार ने बताया कि वैसे तो विभिन्न तरह की सब्जियों की खेती सभी परिवार के सदस्य मिलकर करते हैं. लेकिन, उसमें भी 15 साल से केवल भिंडी की ही खेती करते आ रहे हैं. किसान मनोज यादव ने बताया कि अप्रैल में भी भिंडी की खेती किया था. जिससे जून में जबरदस्त मुनाफा हुआ. उन्होंने बताया कि गांव के अधिकतर किसानों ने गर्मी में भिंडी की खेती से बेहतर कमाई की है.

पांच गुना मुनाफा
उन्होंने बताया कि 1 बीघा की खेती में उन्हें भिंडी से एक लाख रुपए की आमदनी हुई है. वहीं इसके बाद फिर से दो बीघा में भिंडी लगाए हैं, जो अब फल देने लगा है. किसान मनोज ने बताया कि एक बीघा में 9 हजार की लागत आई है. वहीं रोजाना खेत से ढाई क्विंटल तक भिंडी निकल रही है. किसान मनोज कुमार ने बताया कि पिछले फलन में भिड़ी को 40 से 45 रुपए प्रति किलो का रेट मिलने से लागत के पांच गुना मुनाफा हुआ था. वहीं कुछ दिन पहले तक रेट घटकर 2200 रुपए प्रति क्विंटल बिका है.

कीमत में गिरावट
जबकि इस समय रेट में काफी गिरावट आई है जो अब 800 से 1000 प्रति क्विंटल हो चुका है. किसान मनोज कुमार यादव ने बताया कि भिंडी के फूल को कीड़े-मकोड़े से बचाने के लिए दवा का छिड़काव सप्ताह में एक बार करना होता है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सुबह में 5 बजे खेत से भिंडी की तोड़ाई शुरू कर दी जाती है, जो सात बजे तक स्थानीय सब्जी मंडी में पहुंचा दिया जाता है.

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