Raksha Bandhan 2023: सिर्फ रक्षाबंधन के दिन खुलता है बिहार का यह अनोखा मंदिर, आप भी बना लें दर्शन का प्लान

बिहार राज्य में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जिसके बारे में काफी चर्चा हो रही है। सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही भाई-बहन इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं।

सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति और आध्यात्म की चर्चा होती है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक ऐसे असंख्य मंदिर हैं। जिनकी पौराणिक कथा पूरी दुनिया में फेमस है। बता दें कि बिहार राज्य में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जिसके बारे में काफी चर्चा हो रही है। सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही भाई-बहन इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इस मंदिर में भाई-बहन रक्षाबंधन के दिन ही क्यों दर्शन करने पहुंचते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में…

बिहार में कहां है भाई-बहन मंदिर 

इस आर्टिकल में भाई-बहन के जिस मंदिर के बारे में जिक्र हो रहा है, यह मंदिर बिहार के सिवान जिले में मौजूद हैं। भाई-बहन के नाम से फेमस यह मंदिर सिवान में भीखा बांध गांव में है। सिवान और आसपास के शहरों में इस मंदिर को भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर को भईया-बहिनी के नाम से भी जाना जाता हैं।

पौराणिक कथा

सिवान में स्थित भाई-बहन मंदिर का इतिहास करीब 500 साल से ज्यादा पुराना है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक पुराने समय में इस जगह पर एक भाई-बहन ने समाधि ले ली थी। भाई-बहन के समाधि लेने के बाद कई लोग इस स्थान की पूजा करने लगे। बताया जाता है कि समाधि लेने वाली जगह पर दो विशाल वृक्ष मौजूद हैं। दोनों ही पेड़ एक-दूसरे की रक्षा करते हैं। कई लोगों का मानना है कि आज तक किसी को इन दोनों वृक्ष की जड़ों के बारे में पता नहीं चल सका है।

क्या सच में मंदिर में नहीं है कोई मूर्ति

सिवान में स्थित इस मंदिर को लेकर एक दिलचस्प कहानी है कि इस मंदिर में किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है। बताया जाता है कि यहां पर मिट्टी का एक पिंड है। भाई-बहन इस पिंड की पूजा करने के लिए पहुंचते हैं। 

रक्षाबंधन पर क्यों जाते हैं भाई-बहन

धार्मिक मान्यता के मुताबिक भाई-बहन के लिए यह मंदिर बेहद ही खास है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन बिहार के इस अनोखे मंदिर में अपने भाइयों की कलाइयों पर बहनें राखी बांधने के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान बहनें अपने भाइयों की खुशहाली, सलामती और तरक्की के लिए दुआ मांगती है। वहीं मंदिर में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वजन देकर पूजा-अर्चना करते हैं।

इस मंदिर में दूर-दूर से पहुंचते हैं भाई-बहन 

बता दें कि इस मंदिर में भाई-बहन के अलावा स्थानीय लोग और दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। कई भाई-बहन इस मंदिर में दर्शन करने के लिए एक-दो दिन पहले ही पहुंच जाते हैं। राखी के दिन यानी की रक्षाबंधन पर मेला का आयोजन किया जाता है।

कैसे पहुंचे भाई-बहन मंदिर 

अगर आप भी भाई-बहन मंदिर के दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं, तो आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप सिवान रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। इसके बाद सिवान रेलवे स्टेशन से कैब, टैक्सी या फिर लोकल बस से भीखा गांव पहुंच सकते हैं।

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