PM 32 दिन में दूसरी बार आएंगे सागर, 50000 करोड़ के प्रोजेक्ट को दिखाएंगे झंडी

अनुज गौतम / सागर. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 32 दिन में दूसरी बार सागर आ रहे हैं. आने वाले 14 सितंबर को प्रधानमंत्री सागर जिले के बीना स्थित रिफाइनरी में 50000 करोड़ से पेट्रोकेमिकल हब के विस्तारीकरण के कार्य को हरी झंडी दिखाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा तय होने के बाद एक बार फिर प्रशासनिक हलचल बढ़ गई है. इसके पहले 12 अगस्त को संत रविदास मंदिर का भूमि पूजन करने के लिए प्रधानमंत्री सागर पहुंचे थे.

2 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा की. उन्होंने बताया कि 50000 करोड़ की निवेश से 15000 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से और कम से कम 2 लाख युवाओं को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. प्रधानमंत्री के दौरे के लिए सीएम शिवराज सिंह ने सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने की निर्देश दिए हैं.

रिफाइनरी पहुंचा आला अधिकारियों का दल
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद सागर के संभागीय कमिश्नर वीरेंद्र सिंह रावत, सागर जोन के आईजी प्रमोद कुमार वर्मा, सागर कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, निगम कमिश्नर आईएएस चंद्रशेखर शुक्ला ने अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया और अब यहां पर कार्य भी शुरू हो गया है.

रिफाइनरी की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थीं
पेट्रोकेमिकल हब बनने के बाद बीना में कई तरह के सहायक उद्योग भी स्थापित होंगे, इससे न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. शहर भी उद्योग नगरी के रूप में विकसित होगा. इन उद्योगों में टेक्निकल स्टाफ के साथ-साथ नान टेक्निकल लोगों को रोजगार मिलेगा, इसके साथ ही हर क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने मिलेगा. बीना रिफाइनरी की स्थापना वर्ष 2011 में भारत और ओमान की साझेदारी में हुई थी.

1000 km लंबी अंडरग्राउंड पाइपलाइन से आता कच्चा तेल
वर्तमान में इस रिफाइनरी की सालाना उत्पादन क्षमता 78 लाख टन क्रूड ऑइल रिफाइन करने की है. यहां गुजरात के वाडनिर से 935 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड पाइप लाइन के जरिए कच्चा तेल पहुंचता है. यहां से रिफाइन होकर तेल 257 किमी लंबी पाइप लाइन से कोटा पहुंचता है.

केंद्र के हाथों में है रिफाइनरी का पूरा कंट्रोल
रिफाइनरी में बीपीसीएल, ओमान और मप्र सरकार शेयर होल्डर थे. लेकिन ओमान सरकार ने खुद को इस साझेदारी से अलग कर लिया. इसके बाद अब रिफाइनरी का पूरा कंट्रोल केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पास है. अब केंद्र सरकार इसका विस्तार कर इसे पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन के रूप में विकसित करने जा रही है.

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