One Nation-One Election पर BJP को मिला सहयोगियों का साथ, Eknath Shinde और Chirag pawan ने कही ये बात

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का मैं स्वागत करता हूं। इससे हर चुनाव में जो पैसे खर्च होते हैं उसमें काफी बचत होगी और यह पैसे लोगों की योजनाओं में काम आ सकते हैं।

केंद्र के मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। दावा किया जा रहा है कि इस सत्र के दौरान केंद्र सरकार एक देश, एक चुनाव को लेकर एक विधेयक पेश कर सकती है। विपक्षी दल इसको लेकर केंद्र के मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं दूसरी ओर एनडीए के घटक दलों ने इसका स्वागत किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का मैं स्वागत करता हूं। इससे हर चुनाव में जो पैसे खर्च होते हैं उसमें काफी बचत होगी और यह पैसे लोगों की योजनाओं में काम आ सकते हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इसका समर्थन किया है। 

अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गुट ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि देश में आम और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बहुत जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वन नेशन वन टैक्स का मुद्दा भी उठाया गया जिसे लागू किया गया। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, “मौजूदा प्रधानमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है। अगर इसे लाया जाता है तो लोक जन शक्ति पार्टी रामविलास इसका समर्थन करेगी। हम चाहते हैं कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू किया जाना चाहिए, इसमें कुछ कमियां हैं, कुछ बाधाएं भी होंगी जिसपर चर्चा करने की जरूरत है।

भाजपा ने क्या कहा

वन नेशन, वन इलेक्शन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, “वन नेशन, वन इलेक्शन बहुत ही सही प्रस्ताव है। देश में लगातार चुनाव होते हैं, आधा श्रम चुनाव में जाता है। कहीं-कहीं चुनाव की आचार संहिता लगती है तो उसके कारण भी काम में देरी हो जाती है। संसाधन खर्च होते हैं…वन नेशन, वन इलेक्शन से 5 साल की खुली स्लेट होगी, पैसा भी बर्बाद नहीं होगा और काम भी सुचारू रूप से होगा।” गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, “मैं इसका स्वागत करता हूं। एक राष्ट्र-एक चुनाव होना ही चाहिए, देश में हर साल कोई न कोई चुनाव होता रहता है। इसके लगातार होने से मानव संसाधन और पैसे बहुत खर्च होते हैं, मुझे लगता है कि एक राष्ट्र-एक चुनाव होने से मानव संसाधन और समय की बचत होगी। देश का तेज़ी से विकास होगा।”

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