दीपक पांडेय/खरगोन. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती है… यह बात खरगोन के महेश्वर कस्बे के दर्शन यादव पर 100 फीसदी खरी उतरती है. 15 सालों में कई बार ऐसे मौके आए, जब जिंदगी ने उन्हें पटखनी दी. यह दर्शन की जिद और जज्बा ही है कि हर बार वह और मजबूती से उठ खड़े हुए.
खरगोन के छोटे से गांव चोली के रहने वाले दर्शन यादव ने माइग्रेन की दिक्कत की वजह से जमा-जमाया कारोबार छोड़कर इंदौर से अपने गांव का रुख किया. दर्शन ने करीब पांच साल पहले कपड़ा व्यवसाय में किस्मत आजमाई थी. आज दर्शन इसी दुकान से खरगोन के कस्बे महेश्वर में लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. दूसरे युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं. इसके लिए भी शिवराज सरकार ने उनकी काफी मदद की.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का मिला लाभ
इंदौर से लौटने के बाद रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया तो उन्हें दोस्तों से मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में पता लगा. उन्होंने योजना का लाभ लेकर खुद का व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया. सरकार से उन्हें 2 लाख 50 हजार का लोन मिला. इसमें 75 हजार की अनुदान राशि प्राप्त हुई. इसी लोन की राशि से वर्ष 2017 में मोबाइल शॉप खोली.
फिर खोलनी पड़ी कपड़े की दुकान
एक साल अच्छी चली, दुकान से करीब 25 लाख के मोबाइल बेचे लेकिन फिर ऑनलाइन ट्रेंड बढ़ने और दुकानें ज्यादा होने से उनकी यह दुकान चलना बंद हो गई. दर्शन को फिर एक बार निराशा का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2018 में रेडीमेड गारमेंट का काम शुरू किया. कम कीमत पर अच्छी क्वालिटी के कपड़े मिलने से दुकान चल पड़ी.
2014 से शुरू हुई योजना
शिवराज सिंह चौहान ने साल 2014 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की थी. इसमें युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाती है. नौ सालों में दर्शन जैसे हजारों युवाओं की जिंदगी में इस योजना से एक सुखद बदलाव आया है.