Mamata-Nitish ने Congress को दे दिया टेंशन, 2024 से पहले I.N.D.I.A. में मच सकता है भूचाल

बिहार के नीतीश कुमार, झारखंड के हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी विपक्षी दलों के राज्य नेताओं में से थे, जिन्होंने इस भव्य कार्यक्रम में भाग लिया। इस बीच, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के अशोक गहलोत, ओडिशा के नवीन पटनायक और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के उन नेताओं में शामिल थे, जो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज में शामिल होने के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल उठाया। चौधरी, जो पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं, ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर यह तर्क देते हुए आपत्ति जताई कि इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ ममता का रुख कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि यदि वह रात्रि भोज में शामिल नहीं होती तो कुछ नहीं होता। आसमान नहीं गिरेगा। महाभारत अशुद्ध नहीं होता। कुरान अशुद्ध नहीं होता। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का कोई अन्य कारण था।

चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मौजूद थीं।” उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि किस बात ने उन्हें इन नेताओं के साथ रात्रिभोज में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने के लिए प्रेरित किया।

टीएमसी का पलटवार

टीएमसी ने चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा कि बनर्जी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अस्तित्व में आने के लिये प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं और कांग्रेस नेता को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें व्याख्यान देने की आवश्यकता नहीं है। सांसद शांतनु सेन ने कहा कि हर कोई जानता है कि ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सूत्रधारों में से एक हैं और कोई भी उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठा सकता।

बिहार के नीतीश कुमार, झारखंड के हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी विपक्षी दलों के राज्य नेताओं में से थे, जिन्होंने इस भव्य कार्यक्रम में भाग लिया। इस बीच, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के अशोक गहलोत, ओडिशा के नवीन पटनायक और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के उन नेताओं में शामिल थे, जो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। आपको बता दें कि डिनर के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौडा को भी रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया गया है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को न्योता नहीं भेजा गया है। साथ ही किसी अन्य राजनीतिक दल के नेता को भी निमंत्रण नहीं दिया गया है। यही कारण है कि कांग्रेस सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। 

नीतीश-ममता की चाल!

एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने भी दिल्ली और प्रधानमंत्री मोदी से लगातार दूरी बनाकर रखी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में भी वह नहीं आए थे। इसके अलावा रामनाथ कोविंद के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज में भी वह शामिल नहीं हुए थे। इतना ही नहीं, वे नीति आयोग की बैठक से भी दूर रहें। लेकिन जी20 के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होकर उन्होंने भी एक बड़ा संदेश दिया है। इंडिया गठबंधन में नीतीश और ममता बनर्जी ऐसे नेता है जिनकी अपनी महत्वाकांक्षा भी है और ममता बनर्जी तो खुलकर समय-समय पर कांग्रेस को चुनौती देती रही है। जबकि नीतीश कुमार चुप रहकर दबाव बनाने की राजनीति अच्छी तरीके से जानते हैं। यह दोनों एनडीए गठबंधन का भी हिस्सा रह चुके हैं। यही कारण है कि इन दोनों ही नेताओं के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज में शामिल होने के बाद राजनीतिक बवाल जारी है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इसमें शामिल हुए थे जहां कांग्रेस की सरकार है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *