Madhya Pradesh में अनाज मंडियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, मंडी शुल्क घटाने की मांग पर अड़े कारोबारी

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हड़ताली कारोबारियों की मांगों में मंडियों में कारोबारियों को आवंटित सरकारी भूखंडों के भू-भाटक (लीज रेंट) में कमी और निराश्रित सहायता शुल्क की वसूली खत्म किया जाना भी शामिल है। ये मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक राज्य की 230 कृषि उपज मंडियों में करीब 40,000 कारोबारी न तो माल खरीदेंगे, न ही बेचेंगे।

इंदौर। मध्यप्रदेश में 1.5 प्रतिशत की दर से वसूला जा रहा मंडी शुल्क घटाने और अन्य मांगों को लेकर व्यापारियों ने 230 कृषि उपज मंडियों में सोमवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। कारोबारियों के एक महासंघ ने यह जानकारी दी।
मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा, हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि किसानों से फसलों की खरीद पर कारोबारियों से 1.5 प्रतिशत की दर से वसूला जा रहा मंडी शुल्क घटाया जाए, लेकिन प्रदेश सरकार तमाम आश्वासनों के बावजूद इस विषय में हमसे हर बार छलावा करती रही है।’’

उन्होंने बताया कि हड़ताली कारोबारियों की मांगों में मंडियों में कारोबारियों को आवंटित सरकारी भूखंडों के भू-भाटक (लीज रेंट) में कमी और निराश्रित सहायता शुल्क की वसूली खत्म किया जाना भी शामिल है।
अग्रवाल ने कहा, जब तक हमारी ये मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक राज्य की 230 कृषि उपज मंडियों में करीब 40,000 कारोबारी न तो माल खरीदेंगे, न ही बेचेंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि कारोबारियों की इस हड़ताल से सूबे की मंडियों में हर दिन कम से कम 400 करोड़ रुपये का कारोबार ठप होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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