क्या है मॉन्क थैरेपी, ब्रिटेन के पीएम 36 घंटे रखते हैं फास्ट, जानिए क्या है फायदे
नकारात्मकता हुई कम (Remove Negativity)
अब नहीं लेनी पड़ रही हैं नींद की दवाइयां सांगानेर निवासी जीनल जोशी ने बताया कि एंजाइटी के कारण इंसोमेनिया की शिकार हो गई थी। चिकित्सकों की सलाह पर लाफ्टर थैरेपी क्लासेज लेना शुरू की। पांच से छह महीने में असर दिखने लगा, अब नींद की दवाइयां भी नहीं लेनी पड़ रही है।
कैंसर के मरीजों के लिए भी मददगार (Helps to cure Cancer)
विशेषज्ञों की मानें तो लाफ्टर थेरेपी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभदायक साबित हो रही हैं। गार्डियन वेबसाइट की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर मरीजों पर किए गए अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि नियमित तौर पर लाफ्टर थैरेपी लेने से अवसाद और ङ्क्षचता कम होने के साथ ही दर्द में भी आराम मिलता है।
श्वसन क्रिया को बेहतर करती यह थैरेपी
तनाव और एंग्जायटी में दिल की धड़कन तेज होने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में लाफ्टर थैरेपी रक्त परिसंचरण को बेहतर और शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाती है। इससे हैप्पी हार्मोन एंडोर्फिन रिलीज होते है। दवा की जगह मरीज लाफ्टर थेरेपी से ठीक हो रहे है।