फर्नीचर और अन्य सामान जलकर राख
इलाके के पार्षद योगेश वालिया ने बताया कि मकान नं 1 बी 30 की पहली मंजिल पर स्थित आर्किटेक्ट ऑफिस में आग लगी थी। अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि पार्षद की सूचना पर तुरंत श्रीनाथपुरम से एक गाड़ी रवाना की, जिससे आग पर काबू पाया। आग शार्ट सर्किट से लगी है। आग से कार्यालय में रखा फर्नीचर व अन्य सामान जलकर राख हो गए। गनीमत यह रही की आग पूरे मकान में नहीं फैली वरना बड़ा हादसा हो सकता था। पांच मंजिला भवन में अग्निशमन यंत्र नहीं थे। इसकी जांच की जाएगी।
इधर, इस मकान मालिक का बेटा घायल हुआ। मकान मालिक संजय गांधी बिल्डिंग की सबसे ऊपरी मंजिल पर परिवार सहित रहते हैं। मकान मालिक के बेटे आशीष का बिल्डिंग की पहली मंजिल पर आर्किटेक्ट कार्यालय है। आशीष ने मकान में धुआं उठता देखा तो दौडकर नीचे आया तो स्वयं के आफिस से ही धुंआ निकलता देख उसने कार्यालय का शीशे का गेट खोलने का प्रयास किया।
मकान में रह रहे थे 5 कोचिंग छात्र और उनके पैरेंट्स
गेट नहीं खुला तो उसे पैर से तोडने का प्रयास किया। पैर से शीशे का गेट तोड़ने के दौरान उसके पैर में घुटने से एडी तक तीन जगह कांच घुसने से नसें कट गई और रक्तस्राव शुरू हो गया। लोगों ने घायल आशीष को तुरंत तलवण्डी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मकान में 5 कोचिंग छात्र अपने परिजनों के साथ रह रहे थे। मकान के कमरों में जैसे ही धुआं भरने लगी तो वे घबरा गए और प्लैट से बाहर आ गए। मकान मालिक ने सभी छात्रों और उनके परिजनों को सबसे पहले नीचे उतारा। मकान मालिक भी सबसे ऊपरी मंजिल पर रह रहा था।