किकबॉक्सिंग आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ाकर आपके मूड को बेहतर कर सकता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर खुशी की भावनाओं से जुड़े होते हैं, जिससे आपको डिप्रेशन के लक्षणों से निपटने में मदद मिलती है।
किक बॉक्सिंग को आज के समय में लोग अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करना काफी पसंद करते हैं। इससे ना केवल आपको कार्डियोवैस्कुलर लाभ मिलते हैं, बल्कि बॉडी की स्ट्रेंथ भी बढ़ती है। जब आप बैग को किक करते हैं तो इससे यकीनन आपका शरीर अधिक मजबूत बनता है। अमूमन यह देखने में आता है कि लोग किक बॉक्सिंग से होने वाले शारीरिक फायदों के बारे में बात करते हैं। लेकिन वास्तव में इसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जो लोग किक बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हैं, उन्हें कई तरह के मेंटल हेल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको किक बॉक्सिंग से मिलने वाले मेंटल हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में बता रहे हैं-
तनाव होता है कम
आपको शायद पता ना हो, लेकिन किकबॉक्सिंग तनाव और एंग्जाइटी को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, किक बॉक्सिंग के दौरान एंडोर्फिन रिलीज होते हैं, जो नेचुरल मूड लिफ्टर हैं। इससे तनाव में कमी आ सकती है और मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है।
मूड होता है बेहतर
किकबॉक्सिंग आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन को बढ़ाकर आपके मूड को बेहतर कर सकता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर खुशी की भावनाओं से जुड़े होते हैं, जिससे आपको डिप्रेशन के लक्षणों से निपटने में मदद मिलती है।
गुस्से को मैनेज करने में मिलती है मदद
अक्सर हम कई चीजों से गुस्सा या नाराज होते हैं, लेकिन उसे बाहर नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में मन में दबी हुई ये भावनाएं आपकी मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल सकती है। लेकिन किक बॉक्सिंग इस तरह की भावनाओं को बाहर निकालने का एक अच्छा तरीका है। जब आप किक बॉक्सिंग करते हैं तो वास्तव में अपने गुस्से को मैनेज करने के लिए एक सही तरीका चुनते हैं। इससे आपको फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से लाभ होता है।
मिलती है बेहतर नींद
रेग्युलर एक्सरसाइज जैसे किकबॉक्सिंग करने से नींद पर भी पॉजिटिव असर देखने को मिलता है। जब आप रेग्युलर एक्सरसाइज करते हैं तो इससे स्लीप पैटर्न को रेग्युलेट करने में मदद मिलती है। जिससे आप रात में अधिक बेहतर तरीके से सो पाते हैं। अच्छी नींद आपकी मेंटल हेल्थ को भी फायदा पहुंचाती है।
– मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।