इस स्टूडियो में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के साथ-साथ दुर्लभ उपकरण, फिल्म रोल, फिल्टर, लेंस और पुराने कैमरे भी हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता ने जब इस फोटो स्टूडियो का दौरा किया तो यहां पिछले 50 वर्षों से कार्य कर रहे फोटोग्राफर गुलाम मोहम्मद सोफी से बातचीत की।
श्रीनगर का महट्टा स्टूडियो भारत में सबसे लंबे समय से अस्तित्व में रहने वाला फोटो स्टूडियो है। महट्टा एंड कंपनी की ओर से संचालित यह स्टूडियो 109 वर्षों से कश्मीरी कला, शिल्प, लोगों और राजनीति से जुड़ी तस्वीरों को प्रदर्शित करता रहा है। बताया जाता है कि 1905 में पंजाब के गुरदासपुर से दो भाई-अमर नाथ मेहता और राम चंद मेहता घाटी की प्राकृतिक सुंदरता को तस्वीरों में कैद करने के लिए कश्मीर आए थे। यहां के मनमोहक दृश्यों और विदेशी पर्यटकों की आमद से आश्चर्यचकित होकर दोनों फोटोग्राफरों ने एक हाउसबोट के अंदर एक फोटो शॉप शुरू की। बाद में 1915 में मेहता बंधुओं ने श्रीनगर में झेलम नदी के तटबंध द बंड पर एक फोटो स्टूडियो शुरू किया, जहां यह स्टूडियो प्रतिष्ठित बन गया और 107 वर्षों से चल रहा है। बताया जाता है कि 2012 में फोटो स्टूडियो महट्टा एंड कंपनी को भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसे पुराने फोटोग्राफी स्टूडियो के रूप में मान्यता दी गई थी।
इस स्टूडियो में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों के साथ-साथ दुर्लभ उपकरण, फिल्म रोल, फिल्टर, लेंस और पुराने कैमरे भी हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता ने जब इस फोटो स्टूडियो का दौरा किया तो यहां पिछले 50 वर्षों से कार्य कर रहे फोटोग्राफर गुलाम मोहम्मद सोफी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अक्सर यहां के दौरे पर आते रहे प्रधानमंत्रियों- इंदिरा गांधी, वीपी सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और मंत्रियों- जॉर्ज फर्नांडीस के अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की तस्वीरें भी खींची हैं। उन्होंने बताया कि हमें 1970 और 80 के दशक में ईद पर दुकान के बाहर तस्वीरें खिंचवाने के लिए लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलती थीं। 6 फरवरी 1972 को स्टूडियो से जुड़े गुलाम मोहम्मद सोफी ने बताया कि स्टूडियो में आए ब्रिटिश पर्यटकों ने ‘मेहता’ का गलत उच्चारण ‘महत्ता’ कर दिया। अंततः महट्टा भारत में फोटोग्राफी का ब्रांड नाम बन गया।
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