Kashmir में हिंदुओं और मंदिरों के अच्छे दिन आये, Srinagar की सड़कों पर लोग गा रहे राम भजन, Anandishwar Bhairav Nath Temple में 32 साल बाद हुआ हवन

Anandishwar Bhairav Nath Temple

Prabhasakshi

अनंतनाग जिले में मार्तंड सूर्य मंदिर के परिसर में स्थित राम मंदिर में रविवार को अयोध्या से लाए गए एक ‘कलश’ को स्थापित किया गया। चुनिंदा राम मंदिरों में भेजे गए कलशों में से एक इस ‘कलश’ को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के भक्तों की उपस्थिति में स्थानीय लोगों द्वारा स्थापित किया गया।

विकास कार्यों की बदौलत तो कश्मीर बदला-बदला नजर आ ही रहा है साथ ही जिस तरह कश्मीर में हिदुंओं के त्योहारों को धूमधाम से मनाया जा रहा है, मंदिरों का जीर्णोद्धार हो रहा है और वहां से शंख ध्वनियां सुनाई दे रही हैं वह भी अभूतपूर्व है। पिछले साल सबने देखा कि रक्षा बंधन पर श्रीनगर के बाजारों में तरह-तरह की राखियों की भरमार थी, जन्माष्टमी पर धूमधाम से रथ यात्रा निकली, कश्मीरियों ने दीपावली और दशहरा भी धूमधाम से मनाया और अब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर भी कश्मीर के लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। अयोध्या से लाए ‘कलश’ को कश्मीर में मार्तंड सूर्य मंदिर परिसर के राम मंदिर में स्थापित किया गया तो पूरी घाटी जय श्रीराम के उद्घोष से गूँज उठी। यही नहीं श्रीनगर के आनंदेश्वर भैरवनाथ मंदिर में 32 साल बाद हवन किया गया तो श्रद्धालुओं की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

हम आपको बता दें कि अनंतनाग जिले में मार्तंड सूर्य मंदिर के परिसर में स्थित राम मंदिर में रविवार को अयोध्या से लाए गए एक ‘कलश’ को स्थापित किया गया। चुनिंदा राम मंदिरों में भेजे गए कलशों में से एक इस ‘कलश’ को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के भक्तों की उपस्थिति में स्थानीय लोगों द्वारा स्थापित किया गया। कलश स्थापना के समय विशेष पूजा की गई और भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए। हम आपको बता दें कि आठवीं शताब्दी का मार्तंड मंदिर भारत के सबसे पुराने सूर्य मंदिरों में से एक है। राम मंदिर में कलश स्थापित करने के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं ने अपनी प्रतिक्रियाओं के जरिये कहा कि हम इस सम्मान के लिए देश के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में शांति और सद्भाव कायम रहे।

वहीं आनंदेश्वर भैरवनाथ मंदिर की बात करें तो आपको बता दें कि कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद कई मंदिरों को तहस-नहस कर दिया गया था और कई को बंद कर दिया गया था। आनंदेश्वर भैरवनाथ मंदिर में भी पूजा पाठ बंद करा दिया गया था लेकिन अब बदले हालात में यहां 32 साल बाद पहला हवन हुआ है। श्रीनगर शहर के मैसुमा मोहल्ले में स्थित आनंदेश्वर भैरवनाथ मंदिर में भगवान भैरवनाथ की जयंती के अवसर पर यहां हवन और पूजा-अर्चना की गयी। हवन व पूजा के बाद श्रद्धालुओं व वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य ने प्रभासाक्षी से बात करते हुए कहा, ”मंदिर में करीब 32 साल बाद हवन और पूजा का आयोजन किया गया क्योंकि मौजूदा हालात के कारण मंदिर कई सालों से बंद था।” उन्होंने कहा कि पुलिस, नागरिक प्रशासन और स्थानीय निवासियों ने हवन के लिए पूरा समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर 150 से अधिक लोगों को मंदिर में आमंत्रित किया गया था। 

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