Kalpawas 2024: इस दिन से शुरू है कल्पवास…जानें कितने दिन चलेगा और क्या है इसका महत्व!

रजनीश यादव/प्रयागराज: माघ मेले की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. संगम पर 14 जनवरी से माघ मेला शुरू हो रहा है. संगम की रेती पर लगभग दो माह के लिए एक शहर ही बसा दिया जाता है, जिसको टेंट सिटी कहते हैं. यहां वह सारी सुख-सुविधाएं मौजूद होती हैं, जो आम शहरों मे होती है. यहां पर कुछ ऐसे लोग भी आते हैं, जो एक माह के लिए प्रवासी बनकर रहते हैं. संगम की रेती पर बने हजारों तम्बुओं में लाखों कल्पवासी भी पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ संकल्प लेकर कल्पवास भी शुरू करेंगे. जानिए सनातन धर्म में क्या है कल्पवास का महत्व? संगम की रेती पर कल्पवास का संकल्प लेकर कल्पवास करना कितना फलदायी है?

महंत आशीष दास जी महाराज बताते हैं कि माघ मेले में कल्पवास एक माह का होता है. अबकी बार पूर्णिया से पूर्णिया रहने वाले लोग 30 दिनों का कल्पवास करेंगे. मकर संक्रांति के दिन से रहने वाले कल्पवासी 40 दिन का कल्पवास करेंगे. कल्पवासी एक माह तक संगम की रेती पर बने तम्बुओं में रहते हैं. यह कल्पवास पौष पूर्णिमा से लेकर माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व तक चलेगा. इस दौरान उनकी दिनचर्या नियमित और संयमित होती है. ऐसी मान्यता है कि कल्पवास करने से कायाकल्प हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.


क्या है कल्पवास का महत्व?
आशीष दास जी बताते हैं कि कल्पवासी एक मां प्रवास की तरह संगम के तट पर जीवन यापन करते हैं. इनके यहां टेंट में लगभग 50 लोग आकर प्रवास करते हैं. इनमें अधिकतर वृद्धावस्था में जी रहे लोग होते हैं. इनके लिए प्रशासन भी खास व्यवस्था करती है. कल्पसियों को गंगा के तट पर ही बसाया जाता है. प्रतिदिन कल्पवासी सुबह उठकर सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करते हैं. यह प्रक्रिया एक माह तक करते हैं. स्नान के बाद पूजा-पाठ का कार्यक्रम और दिन भर का समय सत्संग और कथा सुनने में व्यतीत करते हैं. यह एक प्रकार से सन्यास आश्रम भी हो जाता है.

कल्प वासियों के लिए व्यवस्थाएं
संगम में कल्पवास की परम्परा सदियों से चली आ रही है. माघ मेले में कल्पवास करने वाले लोगों के लिए सारी व्यवस्थाएं प्रदान की जाती हैं. जैसे सुबह में न्यूज़ पेपर दूध नाश्ते की दुकान, इनको एहसास नहीं हो पता कि वह घर से दूर प्रवास कर रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भी हर सेक्टर में एक पुलिस चौकी भी होती है और दिनभर गस्ती करने वाला पुलिस का दल भी होता है.

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