Janmashtami 2023: वैष्णव और गृहस्थ लोग अलग-अलग दिन मनाते हैं जन्माष्टमी, ज्योतिषी से जानें अंतर और शुभ मुहूर्त

परमजीत कुमार/देवघर. कृष्ण जी को भगवान विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है. जब कृष्ण भगवान धरती पर अवतरित हुए तो मथुरा से लेकर वृदावन और गोकुल के लोग उत्सव मनाने लगे. भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में भाद्रपद महीने के आठवें दिन रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार 6 व सात सितंबर को जन्माष्टमी बनाई जाएगी.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि द्वापर युग में कृष्णा ने भगवान रोहिणी नक्षत्र, दिन बुधवार ओर भाद्रपद के अष्ट्मी तिथी को जन्म लिया था. इस साल वैसा ही संयोग पड़ रहा है. वहीं जन्माष्टमी का पर्व वैष्णव और स्मार्त संप्रदाय के लोग अलग-अलग दिन मनाते हैं. इस साल जन्माष्टमी का पर्व 6 और 7 तारीख को मनाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि साधु सन्यासी स्मार्त संप्रदाय के लोग 6 सितंबर को व्रत रखकर रात्रि जागरण कर भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे. वहीं अगले अगले दिन वैष्णव संप्रदाय और बृजवासी 7 सितंबर को जन्मआष्ट्मी मनाएंगे.

वैष्णव संप्रदाय और स्मार्त संप्रदाय
ज्योतिषाचार्य के अनुसार जिन साधकों ने किसी विशेष संप्रदाय के आचार्य से गुरु दीक्षा लेकर कंठी माला, तिलक का नियम पालन कर रहा हो, वो वैष्णव संप्रदाय के लोग कहलाते हैं. वही गृहस्थ जीवन में रहकर जो सभी देवताओं की पूजा करता हो ऐसे लोग स्मार्त संप्रदाय के लोग कहलाते हैं. वैष्णव संप्रदाय के लोग सिर्फ विष्णु के उपासक होते हैं, जबकि स्मार्त संप्रदाय के लोग सभी देवताओं को पूजते हैं. स्मार्त संप्रदाय के लोग उदया तिथि को महत्व नहीं देते हैं, जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग उदयाकाल को ही मानते हैं इसलिए स्मार्ट संप्रदाय के लोग 6 सितंबर को जन्माष्ट्मी का पर्व मनाएंगे और वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर को.

क्या है पूजा है शुभ मुहूर्त
भादो मास की अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर दिन बुधवार की रात 8 बजकर 12 मिनट से हो रही है. वहीं अष्टमी तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर दिन बृहस्पतिवार की शाम 06 बजकर 12 मिनट पर होगा. बाल गोपाल का जन्मोत्सव मध्य रात्रि को मनाया जाता है, इसलिए 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा. वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त 06 सितम्बर की रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहने वाला है. वहीं, वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर को कृष्ण जन्मोत्सव बनाएंगे.

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