Jan Gan Man: राम राज्य की बात तो सब करते हैं पर यह देश में आएगा कैसे?

देश में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही नेताओं के संबोधन में राम राज्य की भी खूब बात होती है। हालांकि बड़ा सवाल यही है कि आखिर देश में राम राज्य आएगा कैसे? प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम जन गण मन में इसी मुद्दे को उठाया है। हमारे देश में अनगिनत समस्याएं हैं। कई समस्याएं तो ऐसी भी हैं जिसके बारे में सभी को पता है पर उन्हें खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। नेताओं की ओर से राम राज्य की बात तो कर दी जाती है लेकिन राम राज्य इस देश में आएगा कैसे, इसको लेकर उनके भीतर न कोई नीति दिखती है और ना ही नियत। राम राज्य की बात कर एकमात्र मकसद वोट को हासिल करना ही होता है। चुनावी जीत के बाद फिर वही स्थिति हो जाती है जैसे चल रहा है वैसे चलने दो। इसी को लेकर देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने अपनी बात रखी है, सुनते हैं।

अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। लेकिन इसके आगे क्या होगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद राम राज्य की स्थापना की शुरुआत हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि आखिर राम राज्य कैसे आएगा? उन्होंने कहा कि नियम कानून को बदलने से राम राज्य आएगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा की गुलामी का नाम, गुलामी का निशान, गुलामी की पुलिस व्यवस्था, गुलामी की न्यायिक व्यवस्था, गुलामी की कर व्यवस्था, गुलामी की कृषि व्यवस्था, गुलामी के शिक्षा व्यवस्था, गुलामी की चिकित्सा व्यवस्था, इन सब को खत्म करके देश में भारतीय करण की स्थापना होती है तभी राम राज्य की भी शुरुआत होगी। शिक्षा व्यवस्था भी अलग-अलग सिस्टम पर चल रहे हैं। उन्होंने भारत में वैदिक शिक्षा व्यवस्था लागू करने के बात कही। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दसवीं तक केवल और केवल भारतीय शिक्षा व्यवस्था ही होनी चाहिए। 

अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि राम राज्य कब आएगा, जब एक बच्चे को शुरू से ही भारतीय संस्कार के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि 16 संस्कार को हमें सिलेबस में शामिल करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि जो गुलामी की न्यायिक व्यवस्था चल रही है जिसकी वजह से अपराध बढ़ता जा रहा है, उसे भी बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारी जो प्राचीन वैदिक व्यवस्था थी जिसमें 7 लेयर सिस्टम था, उसे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1861 का पुलिस एक्ट चल रहा है जो की गुलामी की व्यवस्था का प्रतीक है। उसमें भी बड़े बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन पुलिस एक्ट लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश से अपराध तभी खत्म होगा जब हम न्यायिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करेंगे। 

वरिष्ठ अधिवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि झूठ को गंभीर अपराध की श्रेणी में डालना पड़ेगा। उन्होंने न्यायाधीशों पर भी मनमानी का आरोप लगाया और कहा कि इसको कम करने के लिए जुडिशल चार्टर लागू करना पड़ेगा। उन्होंने जस्टिस विद इन ए ईयर की भी बात कही। उन्होंने भारत में वन नेशन वन टैक्स की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हमारी आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने जो अंग्रेजों से आईपीएस, आईएस व्यवस्था अडॉप्ट किया है यह पूरी तरीके से सफल नहीं है। हमें इसमें बदलाव करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो इलेक्शन सिस्टम चल रहा है, वह भी बेकार है। इसकी वजह से कोई भी चुनाव लड़ लेता है और संसद या विधायक बन जाता है। उसमें भी बड़े बदलाव की जरूरत है। 

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