ISRO के प्रक्षेपणों की आवाज माने जाने वाली एन वलारमथी का निधन,चंद्रयान रहा आखिरी लॉन्च

ISRO के प्रक्षेपणों की आवाज माने जाने वाली एन वलारमथी का निधन,चंद्रयान रहा आखिरी लॉन्च

ISRO के वैज्ञानिक का हुआ निधन

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) की वैज्ञानिक एन वलारमथी का शनिवार को निधन हो गया. वह ISRO में रॉकेट काउंटडाउन लॉन्च के दौरान अपनी प्रतिष्ठित आवाज के लिए मशहूर थीं. उनकी सबसे हालिया और काउंटडाउन देश के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के दौरान हुई, जिसने चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करके इतिहास रच दिया. 

यह भी पढ़ें

ISRO के पूर्व निदेशक डॉ. पीवी वेंकटकृष्णन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सोशल साइट ‘एक्स’ का सहारा लिया और लिखा कि श्रीहरिकोटा से इसरो के भविष्य के मिशनों की उलटी गिनती के लिए अब वलारमथी मैडम की आवाज नहीं होगी. चंद्रयान 3 उनकी अंतिम लॉन्च मिशन रहा. उनका जाना अप्रत्याशित है. बहुत दुख हो रहा है,  प्रणाम!

बता दें कि अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार वलारमथी का निधन शनिवार की शाम चेन्नई में हार्ट अटैक की वजह से हुआ है. तमिलनाडु के अरियालुर की मूल निवासी वलारमथी का जन्म 31 जुलाई, 1959 को हुआ था. वह कोयंबटूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग में स्नातक करने से पहले निर्मला गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ती थीं. 

उन्होंने एक वैज्ञानिक के तौर पर 1984 में ISRO से जुड़ीं.  इसके बाद उन्होंने ISRO की कई अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित रडार इमेजिंग सैटेलाइट (आरआईएस) और देश के दूसरे ऐसे उपग्रह RISAT-1 की परियोजना ती निदेशक भी रही थीं.

2015 में, वह अब्दुल कलाम पुरस्कार पाने वाली पहली व्यक्ति बनीं. इस पुरस्कार को तमिलनाडु सरकार ने 2015 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के सम्मान शुरू किया था. दिवंगत इसरो वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल मीडिया पर भी लगातार शोक संदेश आ रहे हैं. सोशल साइट पर एक यूजर ने लिखा कि वलारमथी मैडम के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ. वह कई लोगों के लिए सच्ची प्रेरणा थीं और हर लॉन्च के दौरान उनकी आवाज़ को याद किया जाएगा.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *