ISRO कर सकता है NASA, रोस्कोस्मोस से होड़, जितेंद्र सिंह के दावे की है ठोस वजह

हाइलाइट्स

अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इसरो अब नासा और रोस्कोस्मोस को टक्कर दे सकता है.
सिंह ने कहा कि पिछले 9 साल में भारत के स्पेस सेक्टर में भारी उछाल आया है.
सीमित संसाधनों के बावजूद किफायती साधनों के जरिये इसरो ने बेहतरीन मिसाल पेश की है.

नई दिल्ली. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन की सफल लैंडिंग और भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) के सफल लॉन्च से उत्साहित अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने कहा है कि इसरो (ISRO) के पास अब अंतरिक्ष अभियानों में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और रूसी एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) की बराबरी करने की क्षमता है. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 9 साल में भारत के स्पेस सेक्टर में भारी उछाल आया है, जिससे भारत नासा और रोस्कोस्मोस के बराबर खड़ा हो गया है. जो अब अंतरिक्ष अभियानों के लिए इसरो के साथ सहयोग कर रहे हैं. स्पेस मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद किफायती साधनों के जरिये भारत ने अपने मानव संसाधन और मानव क्षमता के मामले में दुनिया के सामने जो बेहतरीन मिसाल पेश की है, उसने भारत को एक अग्रणी राष्ट्र और एक वैज्ञानिक और आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष में हालिया चमत्कार केवल पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तहत ही संभव हुए हैं. जिन्होंने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिये भारत के स्पेस सेक्टर के लिए नए दरवाजे खोले हैं. मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में ‘मेरा माटी मेरा देश’ अभियान के शुभारंभ के दौरान कहा कि ‘चंद्रयान-3 और आदित्य-एल 1 अगले 25 साल में भारत की ‘अमृत काल’ विकास यात्रा का नेतृत्व करते हैं … इस युग को सही मायने में ‘मोदी का युग’ कहा जाता है. दुनिया ने अपने प्रगतिशील नीतिगत फैसलों के लिए पीएम मोदी की सराहना की है. चंद्रयान-3 और आदित्य-एल1 इसके ही नतीजे हैं.’

स्टार्टअप में भारी उछाल
वहीं सोमवार को नोएडा में एक अन्य कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह ने कहा था कि चंद्रयान-3 के सफल लॉन्च और लैंडिंग ने भारतीय छात्रों में वैश्विक आकांक्षाओं को जगाया है. अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या महज 4 से बढ़कर 150 हो गई और उनमें से अधिकांश का नेतृत्व विज्ञान के छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 350 स्टार्टअप थे, लेकिन पीएम मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में लाल किले की प्राचीर से आवाह्न करने और 2016 में एक विशेष स्टार्टअप योजना शुरू करने के बाद इसमें भारी उछाल आया है. अब 1.25 लाख स्टार्टअप और 110 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. इसी तरह ‘बायोटेक सेक्टर में 2014 में लगभग 50 स्टार्टअप से, अब हमारे पास 6,000 बायोटेक स्टार्टअप हैं.’

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पेटेंट और रिसर्च पब्लिकेशन भी तेजी से बढ़े
मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से भारत अब प्रकाशनों के मामले में शीर्ष तीन देशों में और पेटेंट के मामले में नौवें स्थान पर है. भारत के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी पिछले वर्षों में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और यह 81वें स्थान से 40वें स्थान पर पहुंच गया है.’ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर शीर्ष देशों में गिना जाता है. अंतरिक्ष खोज के क्षेत्र में भारत टॉप पांच देशों में है.

Tags: Aditya L1, Dr Jitendra Singh, ISRO, Nasa

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