Indore Metro अंदर से कैसी दिखती है? देखें Inside तस्वीरें, 14 सितंबर को होगी ट्रायल

इंदौर में जल्‍द दौड़ेगी मेट्रो

इंदौर में जल्‍द दौड़ेगी मेट्रो

इंदौर मेट्रो समय पर चालू हो जाए इसलिए करीब 300 इंजीनियर और 2500 से ज्यादा कर्मचारी तीन शिफ्ट में दिन रात काम कर रहे है। 14 सितंबर को मेट्रो का ट्रायल किया जाएगा। पहले इस ट्रेन को सेफ्टी ट्रायल से भी गुजरना होगा। 8 सितंबर तक वायडक्ट जिन पटरियों पर मेट्रो ट्रेन चलेगी उसके पास बिछाई गई थर्ड रेल को चार्ज कर दिया जाएगा।

14 सितंबर को होगा इंदौर मेट्रो का ट्रायल

14 सितंबर को होगा इंदौर मेट्रो का ट्रायल

14 सितंबर को गांधी नगर से सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक 5.8 किमी पर मेट्रो का ट्रायल रन होना है। जिसको लेकर इंदौर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने ट्रायल रन की तैयारी तेज कर दी है। ट्रेन के कोच को मेकैनिकली जोड़ने के बाद अब इलेक्ट्रिकली जोड़ा जा रहा है। यह पहला मौका होगा जब इंदौर में 10 दिन के सबसे कम समय में मेट्रो कोच को तैयार कर प्लेटफार्म पर खड़ा किया जाएगा।

इंदौर मेट्रो के कोच की इनसाइड तस्‍वीरें

इंदौर मेट्रो के कोच की इनसाइड तस्‍वीरें

इंदौर मेट्रो इस साल विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हो सकती है। इंदौर मेट्रो को ‘दुनिया की लीडिंग टेक्निक’ (ऑटोमैटिक ग्रेड -4) के साथ डिज़ाइन किया गया है। इस मेट्रो में सीसीटीवी, एक डिस्प्ले यूनिट, एसी, लेटेस्ट लाइट कंट्रोल, पैसेंजर इमरजेंसी कम्युनिकेशन यूनिट जैसे फीचर दिए जाएंगे ताकि आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात कर सकें।

हाइटेक फीचर्स और शानदार तकनीक से लैस है इंदौर मेट्रो

हाइटेक फीचर्स और शानदार तकनीक से लैस है इंदौर मेट्रो

इंदौर मेट्रो को ‘दुनिया की लीडिंग टेक्निक’ (ऑटोमैटिक ग्रेड -4) के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसकी डिजाइनिंग में र्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल किया गया है। यह टेक्निक मेट्रो की सेफ्टी और एनर्जी सेविंग के लिए कामट्रो के हर कोच में आठ दरवाजे होंगे। इस मेट्रो में सीसीटीवी, एक डिस्प्ले यूनिट, एसी, लेटेस्ट लाइट कंट्रोल, पैसेंजर इमरजेंसी कम्युनिकेशन यूनिट जैसे फीचर दिए जाएंगे ताकि आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात कर सकें।

ट्रायल के दौरान पांच प्‍लेटफॉर्म से गुजरेगी मेट्रो

ट्रायल के दौरान पांच प्‍लेटफॉर्म से गुजरेगी मेट्रो

इंदौर की मेट्रो देश में चल रही मेट्रो के मुकाबले सबसे आधुनिक है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की कई सॉफ्टवेयर है जो ट्रेन को ऑटोमैटिक रन करेगी, फिलहाल सभी को एक दूसरे से कनेक्ट करने का काम जारी है। तीनों कोच को आपस में जोड़ने के बाद हर कोच के बीच करीब डेढ़ हजार तारों को जोड़ा जा रहा है। ट्रायल रन के दौरान जिन पांच प्‍लेटफॉर्म पर मेट्रो गुजरेगी, उन पर थर्ड रेल की पटरी बिछाने का काम शुरू हो गया है।

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