हिमाचल प्रदेश को हालात में सुधार की दिशा में बढ़ने के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त सहायता की आवश्यकता है और उनसे राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने का अनुरोध किया है। सुक्खू ने मानसून के दौरान पहाड़ी राज्य को हुए नुकसान की गंभीरता से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य में बारिश के कारण आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है।
सुक्खू कांग्रेस शासित राज्यों के एकमात्र मुख्यमंत्री थे, जो शनिवार को जी20 नेताओं के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ बातचीत के दौरान हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के गंभीर परिणाम से अवगत कराने का सौभाग्य मिला। मैंने एक विशेष आपदा पैकेज का भी अनुरोध किया और स्थिति की तात्कालिकता पर प्रकाश डालते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में नामित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, सुक्खू ने मानसून के दौरान पहाड़ी राज्य को हुए नुकसान की गंभीरता से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है और उनसे बारिश से संबंधित घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश को हालात में सुधार की दिशा में बढ़ने के लिए केंद्र सरकार से पर्याप्त सहायता की आवश्यकता है और उनसे राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने मांग की कि इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए तथा एक विशेष आपदा पैकेज की घोषणा की जाए जैसा कि केदारनाथ और भुज त्रासदी के बाद प्रदान किया गया था।
सुक्खू ने पहले कहा था कि प्रदेश में बारिश संबंधित घटनाओं के कारण 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इस महीने चार सितंबर को मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा था कि जरूरत पड़ने पर वह इसे लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले, राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 10 अगस्त तक 6,700 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया था और मानसून के दौरान हुए नुकसान की एक विस्तृत रिपोर्ट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार को भेजी थी।
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