सांकेतिक तस्वीर।
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हत्या का जुर्म साबित होने पर अपर सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने तिवारीपुर थाना क्षेत्र के मोहल्ला निजामपुर निवासी अभियुक्त मोहम्मद शमीम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 13 हजार पांच सौ रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर अभियुक्त को एक साल तीन माह 15 दिन का कारावास अलग से भुगतना होगा। दरअसल, इस हत्या के दूसरे दिन 27 जनवरी 2007 को शहर में दंगा भड़क गया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार मौर्य का कहना था कि वादी राजेंद्र प्रसाद अग्रहरि कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार का निवासी हैं। 26 जनवरी 2007 को रात करीब 12 बजे उनका बेटा राजकुमार अग्रहरि डीएवी काॅलेज से बहुभोज से घर आ रहा था।
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अभी वह एक मीनारा मस्जिद मोड़ पर पहुंचा था कि सामने से निजामपुर का मोहर्रम जुलूस आ रहा था। जुलूस के साथ चल रहे अभियुक्त मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने धार्मिक कटुता को लेकर चाकू व तलवार से हमला कर दिया। घायल अवस्था में वादी के लड़के को मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।