G20 Summit New Delhi Declaration: बाली और दिल्ली की घोषणा पत्र की तुलना पर जयशंकर की खरी-खरी

G20 Summit New Delhi Declaration: G20 समिट के पहले दिन दिल्ली घोषणा पत्र को सभी नेताओं की सहमति से पास करा लिया गया। घोषणा पत्र में 73 मुद्दों पर G20 में शामिल देशों के नेताओं की आम सहमति बनी। इन मु्ददें पर रूस-यूक्रेन का मुद्दा भी शामिल है। इसमें रूस-यूक्रेन को लेकर अपनाई गई भाषा, इंडोनेशिया में पिछले साल आयोजित G20 की भाषा से अलग है।

बाली और दिल्ली की घोषणापत्र की तुलना करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा- बाली-बाली था, नई दिल्ली-नई दिल्ली है। दरअसल बाली G20 समिट में यूक्रेन में रूस के आक्रमण की कड़ी निंदा की गई थी। लेकिन दिल्ली घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं है। इस भाषा में बदलाव की तुलना करने पर जयशंकर ने कहा कि बाली घोषणा के बाद से कई चीजें बदली हैं। दिल्ली घोषणा में वर्तमान के हालातों पर है।

यूक्रेन युद्ध को लेकर दिल्ली घोषणा पत्र में क्या है?

दरअसल, यूक्रेन मुद्दे पर आम सहमति के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली घोषणा में 83 पैराग्राफ हैं, जिसमें कई विषय शामिल हैं। यूक्रेन संकट पर मदद करने वाले देशों के बारे में जयशंकर ने बताया कि हर देश आम सहमति बनाने के लिए एक साथ आया है।

जयशंकर ने कहा कि जी-20 लीडर्स ने आज जिस डिक्लेरेशन पर सहमति व्यक्त की है, वो मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि ये डिक्लेरेशन सतत विकास लक्ष्य की प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करेगा। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दिखाने का एक मौका था। उन्होंने कहा कि इस समिट से भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में मदद मिली है।

जी-20 पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई। उन्होंने कहा कि हमारी अध्यक्षता का संदेश ‘One Earth, One Family, One Future’ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में आयोजित समिट में G20 में शामिल 20 सदस्य देशों, 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया।



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