अमेरिका के राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को लेकर उत्सुक हैं। इस दौरान वह जलवायु परिवर्तन और विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में सुधार पर चर्चा कर सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में भारत की पहली यात्रा पर बाइडन जी20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत की राजधानी दिल्ली में होने जा रहे जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत के लिए रवाना हो चुके है। इस ऐताहासिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जो बाइडन की यात्रा शुरू हो चुकी है। इस यात्रा के संदर्भ में व्हाइट हाउस ने भी जानकारी साझा की है। बाइडन की यात्रा को लेकर व्हाइट हाउस ने बयान दिया कि बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अपनी यात्रा के दौरान रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रावना होने से पहले राष्ट्रपति और प्रथम महिला का कोविड टेस्ट किया गया था जिसमें प्रथम महिला जिल बाइडन (72) सोमवार को कोविड-19 संक्रमित पाई गई थी। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन (80) का भी दो बार टेस्ट किया गया जो सोमवार और मंगलवार को हुए थे। इन टेस्ट में जो बाइडन संक्रमित नहीं पाए गए थे।
वहीं जी20 शिखर सम्मेलन में भात के लिए रवाना होने से पहले व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। प्रथम महिला जिल बाइडन के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वो अपने डेलवेयर हाउस में आइसोलेशन का पालन कर रही है। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वो भारत की यात्रा नहीं कर रही है। बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडन भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद वियतनाम की यात्रा पर जाएंगे। मगर इस यात्रा पर भी जिल बाइडन उनके साथ नहीं होंगी। उनके कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘प्रथम महिला में आज कोविड का संक्रमण नहीं पाया गया।’’
राष्ट्रपति के एयर फोर्स वन विमान में उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जेन ओ’मैली डिल्लोन, ओवल ऑफिस ऑपरेशंस की निदेशक एनी टॉमासिनी, प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे और सामरिक संचार के लिए एनएससी समन्वयन जॉन किर्बी भी यात्रा कर रहे हैं। इसके अलावा उनके साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है। व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन शुक्रवार शाम को नयी दिल्ली पहुंचेंगे और इससे पहले उनका विमान ईंधन भरवाने के लिए जर्मनी के रैमस्टीन में रुकेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को लेकर उत्सुक हैं। इस दौरान वह जलवायु परिवर्तन और विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में सुधार पर चर्चा कर सकते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में भारत की पहली यात्रा पर बाइडन जी20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करेंगे। यह भारत की पहल है जिसका दुनियाभर के नेताओं ने समर्थन किया है।
उनकी शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय बैठक की संभावना है। बैठक में दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी की जून में वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों पर प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं।
बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है उसमें यूक्रेन, अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकियां और कुछ रक्षा सौदे शामिल हैं।
अगले दिन राष्ट्रपति बाइडन प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक आधिकारिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद वह जी20 नेताओं के साथ कई बैठकों में हिस्सा लेंगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि वियतनाम में हनोई के लिए रवाना होने से पहले बाइडन जी20 नेताओं के साथ राजघाट स्मारक भी जाएंगे।
राष्ट्रपति बाइडन के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में से हैं जो शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर चुके हैं।
बाइडन को पीएम मोदी नहीं करेंगे रिसीव
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार यानी आठ सितंबर को दिल्ली पहुंचेगे। हालांकि इस दौरान पीएम मोदी बाइडन को रिसीव नहीं करेंगे। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को केंद्रीय मंत्री वीके सिंह रिसीव करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी 10 सितंबर को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी20 अध्यक्ष पद की कमान सौंपेंगे। ब्राजील एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
जी20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।