सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में, मेयर शाह ने कहा कि उन्होंने चीन द्वारा सोमवार को एक नया नक्शा जारी किए जाने की पृष्ठभूमि में अपनी यात्रा रद्द कर दी है। चीन के नये नक्शे में लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख क्षेत्रों को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि नेपाल इन्हें अपना हिस्सा मानता है।
काठमांडू। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेंद्र शाह ने नेपाल के नए राजनीतिक मानचित्र को स्वीकार करने में चीन की विफलता पर वहां की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। शाह को चीन में आयोजित एक सांस्कृतिक उत्सव के समापन समारोह में भाग लेने के लिए वहां जाना था। सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में, मेयर शाह ने कहा कि उन्होंने चीन द्वारा सोमवार को एक नया नक्शा जारी किए जाने की पृष्ठभूमि में अपनी यात्रा रद्द कर दी है। चीन के नये नक्शे में लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख क्षेत्रों को भारत के हिस्से के रूप में दिखाया गया है जबकि नेपाल इन्हें अपना हिस्सा मानता है।
काठमांडू के मेयर ने कहा, नेपाल से पूछे बिना नेपाली क्षेत्र को भारत का बताने को हम अपनी संवेदनशीलता के खिलाफ एक गलत कदम मानते हैं। उन्होंने कहा, इसलिए, नैतिकता के आधार पर मैंने चीन के निमंत्रण पर पांच दिवसीय यात्रा पर नहीं जाने का फैसला किया है। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) के प्रवक्ता नवीन मनंधर के मुताबिक, यात्रा निजी कारणों से रद्द कर दी गई। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के बाद उप महापौर सुनीता डांगोल पहले ही चीन से लौट आई हैं।
— Balen Shah (@ShahBalen) August 31, 2023
काठमांडू द्वारा 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित किए जाने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंधों में तनाव आ गया था, जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों – लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख – को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। उसी साल, नेपाल की तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश के नए राजनीतिक मानचित्र को अद्यतन करने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर किये जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया। भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे एकतरफा कृत्य बताया और काठमांडू को आगाह किया कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा कृत्रिम विस्तार उसे स्वीकार्य नहीं होगा।
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