China के G20 में शामिल ना होने के पीछे की वजह पता चल गई! एशिया में यूरोप जैसी अशांति का ट्रेलर

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चीन दिखावे के लिए बहुत कुछ करता है। आपको याद होगा अमेरिकी हाउक ऑफ स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा। चीन ने उस दौरान अपने फोर्स की मूवमेंट बढ़ा दी थी।

जी20 शिखर सम्मेलन से ऐन पहले दो वीडियो चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन्होंने वॉर थ्योरी को भी जन्म दिया है। पहले वीडियो में सैन्य वाहनों का बड़ा मूवमेंट देखने को मिला है। जबकि दूसरा वीडियो वाकई सनसनीखेज है। शहर के बीचो बीच महाविनाशक टैंकों को मोर्चे पर ले जाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि दोनों वीडियो चीन से आए हैं और जंगी साजो-सामान के साथ चीनी सैनिक ताइवान बॉर्डर की तरफ मूव कर रहे हैं। आम तौर पर इस तरह के वीडियो यूक्रेन या रूस से सामने आते हैं। लेकिन चीन की चारदीवारी से इस तरह की मिलिट्री डिप्लायमेंट एक बड़ा सिग्नल है। इसका कनेक्शन नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से जुड़ा है। 

चीन दिखावे के लिए बहुत कुछ करता है। आपको याद होगा अमेरिकी हाउक ऑफ स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा। चीन ने उस दौरान अपने फोर्स की मूवमेंट बढ़ा दी थी। बयानबाजी भी जारी रही। इस तरह की हरकतें होती रही। लेकिन सीधे ताइवान पर कब्जे की कोई पहल बीजिंग की तरफ से नहीं देखने को मिली। चीन की प्लानिंग रही है कि बिना वॉर लड़े ताइवान को अपना बनाए। 

 ताइवान पर अटैक करने वाला है चीन?

चीन की सेना के मूवमेंट के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि क्या चीन जी20 बैठक के दौरान ताइवान पर चढ़ाई करने वाला है। या फिर वो अमेरिका और भारत को कोई मैसेज देना चाहता है। क्वाड के स्तंभों को पड़ोस में एक साथ देखकर चीन की परेशानी समझ में आती है। शायद इसीलिए एशिया में यूरोप जैसी अशांति का ट्रेलर रिलीज किया जा रहा है। जी20 में विश्वभर की महाशक्तियों का जुटान हो रहा है। शी जिनपिंग इसको फेस नहीं कर पा रहे। इसलिए इस बैठक से उन्होंने दूरी बनाते हुए अपने प्रधानमंत्री को दिल्ली भेजा है। अब इस बैठक से ध्यान भटकाने के लिए वो इस तरह की हरकतें कर रहा है।  

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