एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को अपनी डाइट में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, जिससे मल त्यागने में भी आसानी होती है। जब बच्चे पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे कब्ज को रोकने में मदद मिलती है।
कब्ज एक ऐसी समस्या है, जो सिर्फ बड़ों को ही नहीं, बच्चों को भी परेशान कर सकती है। खासतौर से, जब बच्चे फार्मूला मिल्क लेते हैं या फिर सॉलिड फूड लेते हैं तो उनके बाउल मूवमेंट में परेशानी हो सकती है। ऐसे में उन्हें कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यूं तो बच्चों को कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेने की हिदायत दी जाती है, लेकिन कुछ आसान घरेलू उपाय भी उनकी काफी मदद कर सकते हैं। तो चलिए आज इस आसान उपायों के बारे में ही जानते हैं-
पेट की करें मालिश
शिशुओं और छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या होने पर पेट की मालिश करना एक अच्छा विचार हो सकता है। आप बच्चे की हल्की मसाज करें या फिर उसके पैरों को साइकिल चलाने की तरह चलाएं। इससे उसे मल त्याग करने में काफी मदद मिलती है।
नेचुरल लैक्सेटिव की लें मदद
जब बच्चे को कब्ज की शिकायत होती है तो ऐसे में उसे नेचुरल लैक्सेटिव देना अच्छा विचार हो सकता है। इसलिए, आप उसकी डाइट में आलूबुखारा, सेब और नाशपाती आदि को शामिल करें। इन फलों में सोर्बिटोल नामक शुगर पाया जाता है, जो आंतों में पानी खींचकर मल को नरम करती है। जिससे बच्चे को कब्ज में आराम मिलता है।
पानी की मात्रा बढ़ाएं
एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को अपनी डाइट में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, जिससे मल त्यागने में भी आसानी होती है। जब बच्चे पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे कब्ज को रोकने में मदद मिलती है।
बढ़ाएं फाइबर की मात्रा
जब बच्चे की डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इससे बच्चे को स्टूल पास करने में आसानी होती है। कोशिश करें कि आप बच्चे की डाइट में फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। ऐसे फल व सब्जी का सेवन करें, जिनमें पानी व फाइबर भरपूर हो।
डेयरी को करें कम
अगर बच्चा इन दिनों कब्ज से जूझ रहा है तो उसकी डाइट में डेयरी की मात्रा थोड़ी कम कर दें। अत्यधिक डेयरी का सेवन विशेषकर दूध कब्ज पैदा कर सकता है। कई बच्चों में गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति सेंसेटिविटी होती है। इसके अलावा, अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे पनीर या चीज भी कब्ज पैदा कर सकते हैं।
– मिताली जैन
डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।