ISRO ने पोस्ट में लिखा, “चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर पर चंद्र भूकंपीय गतिविधि (ILSA) पेलोड के लिए डिवाइस ने रोवर और अन्य पेलोड की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया है. इसके अलावा इसने 26 अगस्त 2023 को एक नैचुरल लगने वाली घटना को रिकॉर्ड किया है.”
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ Scientific ExperimentsInstrument for the Lunar Seismic Activity (ILSA) payload on Chandrayaan 3 Lander
— the first Micro Electro Mechanical Systems (MEMS) technology-based instrument on the moon —
has recorded the movements of Rover and other… pic.twitter.com/Sjd5K14hPl
— ISRO (@isro) August 31, 2023
स्पेस एजेंसी ISRO ने आगे बताया, “इस घटना के सोर्स की जांच की जा रही है. ILSA पेलोड को LEOS, बेंगलुरु ने डिजाइन किया है.” ISRO ने रोवर की गतिविधियों से जुड़ा एक ग्राफ भी शेयर किया है.
ILSA में 6 बहुत सेंसेटिव एक्सेलेरोमीटर का एक क्लस्टर शामिल है. ये डिवाइस किसी स्ट्रक्चर के वाइब्रेशन या मोशन स्पीड को मापता है. ग्राफ में दिखाया गया वाइब्रेशन रोवर की स्पीड के फेज को बताता है. लैंडर पर पेलोड की एक्टिविटी भी रिकॉर्ड की गई है. ILSA चंद्रमा पर माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम्स टेक्नोलॉजी आधारित डिवाइस का पहला उदाहरण है.
इससे पहले 31 अगस्त को ही ISRO ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो जारी किया है, जिसमें वह सुरक्षित तरीके से चल रहा है और अच्छे से रोटेशन (घूमना) भी कर रहा है. रोटेशन की ये फोटो लैंडर विक्रम के इमेजर कैमरे ने ली है.
ISRO ने लिखा- “प्रज्ञान रोवर चंदा मामा पर अठखेलियां कर रहा है. लैंडर विक्रम उसे (प्रज्ञान को) ऐसे देख रहा है, जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है. आपको ऐसा नहीं लगता?
ISRO के मुताबिक, चंद्रमा की सतह पर मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, जबकि हाइड्रोजन की खोज जारी है. प्रज्ञान रोवर पर लगे लिब्स (LIBS- लेजर इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप) पेलोड ने ये खोज की.
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