Chandrayaan 3 ISRO Scientist Life Possible on Moon: क्या चांद पर जीवन संभव है? तमाम मून मिशनों के सफल होने के बावजूद ये सवाल हर किसी के जहन में आता है। जैसे पृथ्वी पर हमें ऑक्सीजन, पानी समेत तमाम जरूरी प्राकृतिक चीजें मिलती हैं, क्या वैसे ही चांद पर भी इन चीजों के साथ इंसानी बस्तियां बसाई जा सकती हैं। हमारा मून-मिशन चंद्रयान-3 लगातार चांद के रहस्य खोलता नजर आ रहा है। गुरुवार को इसरो के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने इन्हीं सवालों का जवाब देने की कोशिश की।
सल्फर की अच्छी मात्रा
उन्होंने कहा- अब तक हमें चंद्र सतह पर सल्फर की अच्छी मात्रा दिखाई दी है। इससे पहले भी चंद्रमा की सतह पर सल्फर पाया गया था, लेकिन इतनी प्रमुखता से कभी दिखाई नहीं दिया। यह हमारे ऑब्जर्वेशन का अनूठा बिंदु है। यह हमें हाल ही में मिला है। आगे का विश्लेषण अभी भी चल रहा है, लेकिन यह एक अच्छा संकेत है कि चांद की सतह पर सल्फर उपलब्ध है।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat | Nilesh M. Desai, the Director of the Space Applications Centre (SAC) speaks on the Chandrayaan-3 Mission; says, “…Sulphur is visible in a very prominent way. Earlier too sulphur had been found on the surface of the moon but not so prominently. So,… pic.twitter.com/S6K149VYEa
— ANI (@ANI) August 31, 2023
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इसके अलावा, ऑक्सीजन होने के भी संकेत मिले हैं, लेकिन हम हाइड्रोजन की भी तलाश कर रहे हैं। ताकि भविष्य में पानी का पता लगाया जा सके। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों के साथ हम भविष्य में पानी के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन इससे पहले कि हम अंततः चंद्रमा पर जल स्रोत के बारे में जानकारी जुटाएं, इसके लिए हमें अन्य पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता होगी।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ Scientific ExperimentsRadio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive Ionosphere and Atmosphere – Langmuir Probe (RAMBHA-LP) payload onboard Chandrayaan-3 Lander has made first-ever measurements of the near-surface Lunar plasma environment over the… pic.twitter.com/n8ifIEr83h
— ISRO (@isro) August 31, 2023
इस तरह आसान होगा पानी
देसाई ने आगे कहा- अगर हम स्पेस हैबिटाट और स्पेस कॉलोनी का निर्माण करना चाहते हैं तो ये सभी पहलू जरूरी हैं। हालांकि फिलहाल इन चीजों के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। देसाई ने बताया कि 2008 में हमें पहले चंद्रयान के दौरान हाइड्रोक्सियल मॉलीक्यूल का पता चल गया था, लेकिन इसके अलावा हमें यदि ऑक्सीजन, हाइड्रोक्सियल मॉलीक्यूल और नाइट्रोजन का पता चलता है तो मून सरफेस पर पानी को जनरेट करना आसान हो जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission:
The rover was rotated in search of a safe route. The rotation was captured by a Lander Imager Camera.It feels as though a child is playfully frolicking in the yards of Chandamama, while the mother watches affectionately.
Isn’t it?🙂 pic.twitter.com/w5FwFZzDMp— ISRO (@isro) August 31, 2023
इस तरह हम चांद पर जीवन की उम्मीद कर सकते हैं। हमें आगे रिसर्च करनी होगी। अगले मिशन भी प्लान किए गए हैं। सल्फर का चांद पर मिलना दुर्लभ है। इसे ‘जल हिम’ की मौजूदगी का संकेत माना जा सकता है। इसके जरिए चांद पर भविष्य में इंसानों की बसावट के लिए पानी का स्रोत मिल सकता है।