रामकुमार नायक/ महासमुंद (रायपुर) : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के आंबेडकर हॉस्पिटल के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने नया इतिहास रचा है. दरअसल विभाग ने एक 65 वर्षीय महिला के हृदय में टांका रहित एओर्टिक वाल्व लगाकर सफल ट्रांसप्लांट किया है. इस सरकारी संस्थान में मरीजों के स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्नत तकनीकों का प्रयोग एवं शासन द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं का लाभ सभी लोगों को मिल रहा है. सुनने में अटपटा जरूर लगता है. बिना टांका लगाये कोई वाल्व कैसे लगा सकता है.यह संभव हो पाया है. मेडिकल क्षेत्र में नये-नये अनुसंधान से जिसमें ऐसे वाल्व बनाया गया. जिसमें टांका लगाने की जरूरत नहीं है. यह आसानी से हार्ट के अंदर फिट हो जाता है. इस वाल्व का नाम सुचरलेस परसीवाल है.
आंबेडकर अस्पताल में सर्जरी करने वाले डॉ. कृष्णकांत साहू बताते हैं कि, इस वाल्व को उन मरीजों में उपयोग किया जाता है, जो हाई रिस्क कैटेगरी में आते है. जैसे कि अधिक उम्र यानी 60 साल के बाद वाले आते हैं. हृदय का पंपिग पावर कमजोर हो जाता है. इस वाल्व को लगाने का फायदा यह होता है, कि सिर्फ 15 से 20 मिनट में वाल्व का ट्रांसप्लांट हो जाता है. जिससे मरीज का कार्डियो पल्मोनरी बाइपास टाइम कम हो जाता है. जिससे मरीज के शरीर में CPB मशीन का दुष्प्रभाव काफी कम हो जाता है.
मरीज को वाल्व एरिया बहुत अधिक मिलता है जिससे अन्य वाल्व की तुलना में मरीज के शरीर में रक्त का प्रवाह ज्यादा होता है. इस वाल्व को लगाने से मरीज को खून पतला करने की दवाई खाने की आवश्यकता नहीं पड़ती.
क्या होता है, सुचरलेस वाल्व
इस वाल्व में बोवाइन पेरीकार्डियम का उपयोग होता है. इसको एक विशेष प्रकार के धातु जिसको निटिलॉन कहा जाता है उसमें फिट कर दिया जाता है. जैसे ही यह वाल्व रक्त के सम्पर्क में आता है तो यह वाल्व अपने आप आकार ले लेता है. पुराने वाल्व की जगह में अच्छे से फिट हो जाता है. टांका लगाने की आवश्यकता नहीं होती जिससे ऑपरेशन का समय बच जाता है. पहला यह बहुत ही किफायती होता है. टावी प्रोसीजर का सरकारी दर 17.5 लाख है. टांका रहित वाल्व लगाने में मात्र 5 लाख का खर्च आता है. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत पूर्णतः नि:शुल्क इलाज़ किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : August 16, 2023, 08:21 IST