सीएम सरमा ने असमिया आबादी को आश्वस्त करने के लिए एक जन आंदोलन शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया कि समुदाय की पहचान “गुणवत्ता” पर जोर देकर संरक्षित की जा सकती है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने “असमिया” की परिभाषा में बदलाव पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी करने वालों को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मैं सीएए का समर्थन करता हूं। लेकिन वहीं असम में कई लोग इसका विरोध भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें दोनों दृष्टिकोणों को समायोजित करना होगा। हमें सीएए का समर्थन या आलोचना करने पर किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए।’ जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं उन्हें असम में शांति और शांति भंग करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
सीएम सरमा ने असमिया आबादी को आश्वस्त करने के लिए एक जन आंदोलन शुरू करने के महत्व को रेखांकित किया कि समुदाय की पहचान “गुणवत्ता” पर जोर देकर संरक्षित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असमिया की परिमें बदलाव आया है और इसमें हिंदी भाषी तथा चाय बागान से संबंधी जनजाति जैसे सदियों से असम में रहने वाले लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। शर्मा आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को उल्फा शांति समझौते के तहत पुनर्वास अनुदान वितरित करने से संबंधित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘असम के हालात, केंद्र सरकार की किसी नीति के कारण नहीं बल्कि बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण ऐसे हैं क्योंकि इसने राज्य की जनसांख्यिकी को बदल दिया है। जब जनगणना रिपोर्ट आएगी, तो असमिया लोग आबादी का लगभग 40 प्रतिशत ही होंगे।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असमिया की परिमें बदलाव आया है और इसमें चाय बागान से जुड़ी जनजाति तथा हिंदी भाषी जैसे समुदाय शामिल होने चाहिए जो एक सदी से अधिक समय से यहां रह रहे हैं। सरमा ने कहा कि भले ही असमिया लोगों की संख्या कम हो रही हो, लेकिन वे अपनी पहचान संरक्षित करने के लिए एक साथ आ सकते हैं।
#WATCH | On CAA, Assam CM Himanta Biswa Sarma says, “I support CAA. But at the same time, many people in Assam oppose it. We have to accommodate both points of view. We should not criticise anyone for supporting or criticizing CAA. Those who are opposing CAA should go to the… pic.twitter.com/Bs6AA17Vkf
— ANI (@ANI) March 2, 2024
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