रामकुमार नायक/महासमुंदः शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत को बहुत खास माना जाता है. हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस तरह से साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है. यह व्रत मां पार्वती और भगवान शिव के व्रतों में सर्वोत्तम माना गया है. मान्यता यह मानी जाती है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान शिव का यह प्रदोष व्रत रखता है, उसके जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है.
यह व्रत 12 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. मान्यता ये भी है कि इस व्रत के प्रभाव से असंभव भी संभव हो जाता है. शास्त्रों में मंगलवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत पुण्यफलदायी माना गया है. इसे भौम प्रदोष व्रत कहते हैं. भौम प्रदोष व्रत को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि यह व्रत एकादशी के ठीक दूसरे दूसरे दिन या तीसरे दिन पड़ता है. यह त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाला व्रत है. इस व्रत का काफी महत्व है.
प्रदोष व्रत से सभी कष्टों का निवारण
माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए यह व्रत किया था. इस व्रत को करने के बाद माता पार्वती ने भगवान भूत भावन यानी भगवान शंकर को पाया था. इस व्रत को रखने से घर में समस्त तरह के सुख सुविधाएं मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और इस व्रत के लिए शाम के समय भगवान शिव का विशेष पूजा अर्चना किया जाता है. सुबह अभिषेक भी किया जा सकता है. यदि मंगलवार को प्रदोष व्रत पड़ता है तो यह व्रत बहुत ही शुभ है
महादेव को ऐसे करें प्रसन्न
आपको बता दें कि जो इस बार भौम प्रदोष के रूप में पड़ रहा है. यह भौम प्रदोष शत्रुओं से छुटकारा, सौभाग्य से वृद्धि तथा समस्त मनोकामना की पूर्ति के लिए यह प्रदोष व्रत किया जाता है. भगवान शिव को अभिषेक बहुत प्रिय है. भगवान भोलेनाथ को दूध, दही, घी शहर और शक्कर से अभिषेक करके प्रसन्न कर सकते हैं.
नोटः न्यूज 18 इस लेखन की पुष्टि नहीं करता है, सिर्फ ये ज्योतिषार्य द्वारा दी गई जानकारी है
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FIRST PUBLISHED : September 11, 2023, 13:20 IST