एक कपल की जिंदगी में आयी अचानक मुसीबत की कहानी है, छोटी हो या बड़ी, मुसीबत कभी बताकर नहीं आती। एक ख़ुशहाल परिवार के लिए इससे बड़ी मुसीबत और क्या हो सकती है कि उसके घर का एक सदस्य अचानक से एक दिन लापता हो जाए और किसी को फिर उसका कोई अता-पता ना चले?
औहाम फिल्म की प्रेस विज्ञप्ति: जहां इस समय सिनेमाघरों में विवादों का सामना कर रही फिल्म द केरल स्टोरी छायी है वहीं ऐसे समय में माहौल को परिवारिक बनाने के लिए विवादों से दूर रहने वाली एक “रोमांटिक थ्रिलर” ड्रामा फिल्म औहाम 26 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म एक कपल की जिंदगी की कहानी है, जिसे बेहद ही बढ़ियां तरीके से युवा निर्देशक अंकित हंस द्वारा निर्देशित किया गया है।
फिल्म का प्लॉट-
फिल्म एक कपल की जिंदगी में आयी अचानक मुसीबत की कहानी है जिससे उनकी पूरी जिंदगी बदल जाती है। छोटी हो या बड़ी, मुसीबत कभी बताकर नहीं आती। एक ख़ुशहाल परिवार के लिए इससे बड़ी मुसीबत और क्या हो सकती है कि उसके घर का एक सदस्य अचानक से एक दिन लापता हो जाए और किसी को फिर उसका कोई अता-पता ना चले? इसी हृदयविदारक कहानी को बड़े ही मार्मिक अंदाज़ में और रहस्य व रोमांच के साथ डायरेक्टर अंकित हंस ने पेश किया है। यह एक ऐसी रोंगटे खड़ी कर देने वाली दास्तां है, जिसे किसी दर्शकों के लिए भुलाना इतना आसान नहीं होगा।
‘औहाम’ की कहानी
शिवा (हृदय सिंह) और रिया (दिव्या मलिक) अपनी एक बेटी (जनेशा सूरी) के साथ साधारण मगर ख़ुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे होते हैं कि एक दिन अचानक से रिया अपने घर से गायब हो जाती है। संदिग्ध परिस्थितियों में उसके गायब होने की इस वारदात से शिवा टूट सा जाता है और रिया को दोबारा पाने की कोशिशों में जी जान से जुट जाता है। लेकिन उसकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित होती हैं और ऐसे में वह यूपी पुलिस का सहारा लेता है।
मगर इस केस की इंवेस्टीगेशन कर रहे पुलिस इंस्पेक्टर (यशवंत) को जल्द इस बात का आभास हो जाता है कि ये उनके करियर में अब तक का सबसे जटिल और उलझा हुआ केस है, जिसे सुलझाना किसी ऊंची पहाड़ी चढ़ने से कम मुश्किल नहीं है। रिया की गुमशुदगी की जांच के दौरान पुलिस के सामने रहस्य की ऐसी-ऐसी परतें खुलती हैं कि हर कोई भौंचक्का रह जाता है।
फ़िल्म ‘औहाम’ के निर्देशक ने शानदार तरीके से कहानी को पिरोया
सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म ‘औहाम’ को निर्देशक अंकित हंस ने कुछ इस अंदाज़ में बड़े पर्दे पर पेश किया है कि कहानी में आने वाले हरेक ट्विस्ट और टर्न के साथ दर्शकों की उत्सुकता आसमान छूने लगती है और दर्शक ये जानने के लिए बेकरार हो जाता है कि अब आगे क्या कुछ होने वाला है. यही ‘औहाम’ की सबसे बड़ी सफलता है कि दर्शक फ़िल्म देखते वक्त एक पल के लिए भी बोरियत महसूस नहीं करता है और अंत तक नज़रें गड़ाए फ़िल्म के एक से बढ़कर एक ख़ुलासों को टकटकी लगाए देखता रहता है।
सशक्त लेखन फिल्म ‘औहाम’को और खूबसूरत बनाता है
फ़िल्म के सशक्त लेखन से लेकर फ़िल्म के लाजवाब निर्देशन तक, फ़िल्म का हरेक पहलू ग़ौर करने और देखने लायक है। फ़िल्म को कुछ इस अंदाज़ में बयां किया गया कि एक दर्शक के तौर पर आप फ़िल्म में कहीं खो जाते हो और फ़िल्म से एक अलग तरह का जुड़ाव महसूस करने लगते हो। दर्शक पर्दे पर रहस्य और रोमांच की परतों को उधड़ता देखते हुए फ़िल्म के साथ-साथ उसके जादुई प्रवाह में कब बहने लगता है, उसे पता ही नहीं चलता है।
कैसा किया है ‘औहाम’ के कलाकारों ने काम?
‘रिचा गुप्ता फ़िल्म्स’ की पेशकश ‘औहाम’ तमाम कलाकारों के अभिनय के मामले में भी एक सशक्त फ़िल्म है। हरेक किरदार के लिए कलाकारों का चयन बड़े ही उम्दा तरीके से किया गया है। प्रमुख भूमिकाओं में हृदय सिंह, दिव्या मलिक और वरुण सूरी ने शुरू से लेकर अंत तक फ़िल्म में कमाल का काम किया है। बाल कलाकार जनेशा सूरी (श्रिया) पुष्पिंदर सिंह (चेतन), राम नारायण चावला (बक्शी) और अमित बालाजी (मंगत) ने भी अपने-अपने किरदारों को प्रभावपूर्ण तरीके से निभाया है।
देश भर में आज रिलीज़ हुई एक नायाब किस्म की सस्पेंस-थ्रिलर फ़िल्म ‘औहाम’ की मिस्ट्री को सुलझता हुआ देखने के लिए आप भी अपने नज़दीकी सिनेमाघरों का रुख करें. यकीनन, ये फ़िल्म आपको कतई निराश नहीं करेगी और एक नहीं भूलने वाले एहसास से भर देगी।
रेटिंग- 3.5 (****)
कलाकार – हृदय सिंह, दिव्या मलिक, वरुण सूरी
निर्माता – रिचा गुप्ता
निर्देशक – अंकित हंस
लेखक – महेश कुमार और हृदय सिंह
पटकथा, संवाद और गीत – वरुण सूरी
संगीतकार – विजय वर्मा