AAP MCD में आते ही बनी खास, पार्षदों के भत्ते को बढ़ाया 83 गुणा, एक बैठक के लिए लेंगे 25 हजार रुपये, BJP ने किया विरोध

अब तक हर एक बैठक के लिए पार्षदों को 300 रुपये प्रति बैठक भत्ता मिलता था। वहीं बैठक में पेश प्रस्ताव को पास करने के बाद पार्षदों को मिलने वाला भत्ता 83 गुणा बढ़ गया है यानी अब पार्षदों को 25 हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। यानी निगम पार्षदों को मिलने वाले भत्ते में बम्पर बढ़ोतरी की गई है।

दिल्ली में नगर निगम की सत्ता में आम आदमी पार्टी काबिज है। आम आदमी पार्टी अब सिर्फ नाम की ही आम आदमी रह गई है क्योंकि इनके ठाठ बाठ अपना काफी बदल गए है। दिल्ली नगर निगम में सत्ता संभालते ही आम आदमी पार्टी ने निगम के पार्षदों को मिलने वाला भत्ता कई गुणा बढ़ा दिया है। इस संबंध में निगम के सदन की बैठक में प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे पास कर दिया गया है।

अब तक हर एक बैठक के लिए पार्षदों को 300 रुपये प्रति बैठक भत्ता मिलता था। वहीं बैठक में पेश प्रस्ताव को पास करने के बाद पार्षदों को मिलने वाला भत्ता 83 गुणा बढ़ गया है यानी अब पार्षदों को 25 हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। यानी निगम पार्षदों को मिलने वाले भत्ते में बम्पर बढ़ोतरी की गई है।

बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक बृहस्पतिवार यानी 31 अगस्त को हुई थी। इस बैठक में ही पार्षदों ने सर्वसम्मति के साथ भत्ते को 300 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है।

भाजपा ने जताया विरोध

आम आदमी पार्टी के इस कदम का भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। भाजपा के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। भाजपा ने 29 अगस्त को घोषणा की थी कि यदि सदन की कार्यवाही रक्षाबंधन के दिन संचालित होती है तो उसके सदस्य इसमें शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह नगर निगम कर्मचारियों के ‘‘उत्पीड़न’’ के समान होगा। इस दौरान निगम में विपक्ष नेता सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि निगम में ये काला दिन है। पार्षदों के भत्तों में असामान्य बढ़ोतरी के लिए आप पार्टी के निजी सदस्य के प्रस्ताव को अनुमति मिली है। आप ने भाजपा की गैर मौजूदगी का फायदा उठाया है। 

बैठक के दौरान सदन ने 160 साल से अधिक पुरानी हरदयाल म्यूनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी के लिए एक नयी प्रबंध समिति गठित करने और 23 सेवाएं घर बैठे उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी, जिसमें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना और फैक्ट्री लाइसेंस का नवीकरण शामिल होगा। सदन की बैठक में विपक्षी दल भाजपा के सदस्य शामिल नहीं हुए जबकि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने अपने वार्ड में स्वच्छता, पार्किंग और निवासियों के सामने आने वाली अन्य समस्याओं के मुद्दे उठाए, जिसके कारण उनके और कुछ आप पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। 

मेयर ने किया पारित

इस प्रस्ताव को पारित करने के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली नगर निमग एक्ट के तहत कोई पार्षद सैलरी नहीं लेता है। सभी पार्षदों को अलाउंस का भुगतान किया जाता है। यही कारण है कि सदन में पार्षधों के भत्तों को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव में 300 से बढ़ाकर भत्ते को 25 हजार किया गया है। इस फाइल को शहर विकास मंत्रालय और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास अनुमति के लिए भेजा है। 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *